पिशाचिनी का प्यार Part 2 | Pishachini Ki Kahani Part-2

Pishachini Ki Kahani Part-2
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Pishachini Ki Kahani Part-2 : दोस्तो जैसा कि आपने पिछले भाग में पढ़ा, कि प्रेरणा ने कैसे मनोज को उस पिशाचिनी के चंगुल से बचाया, अब आगे

पिशाचिनी का प्यार | Pishachini Horror Story Part-1

मनोज को जब प्रेरणा ने सारी बात बताई, तो उसे यकीन नहीं हुआ था, कि उसने प्रेरणा के साथ ऐसा व्यवहार किया था।

मनोज बार बार प्रेरणा से माफी मांगता था, वह अपने किये पर पछता रहा था। ऐसे ही समय बीत रहा था। दोंनो सब कुछ भूल कर अपनी जिन्दगी में व्यस्त हो गये।

तभी कुछ ऐसा होता है, जिसकी उम्मीद न तो प्रेरणा को थी, न मनोज को।

एक दिन प्रेरणा कपड़े धोने के लिये, मनोज की जेब चैक कर रही थी। तभी उसे एक खत मिला, खत लाल स्याही से लिखा था। लिखावट भी उटपटांग थी। लेकिन खत में जो लिखा था। उसे पढ़ते ही प्रेरणा के होश उड़ गये।

उसमें लिखा था, मनोज मैं तुमसे प्यार करती हूं। मुझसे शादी कर लो, मेरे पास बहुत पैसा है। तुम्हें कभी जीवन में काम नहीं करना पड़ेगा, तुम अपनी पत्नी को छोड़ कर सदा के लिये मेरे पास आ जाओ।

प्रेरणा के हाथ से सारे कपड़े छूट गये। उसकी आंखों से आंसू बह रहे थे – ‘‘जिस मनोज को मैंने अपने प्राण संकट में डाल कर बचाया। वह ही मुझे धोका दे रहा है। किसी अमीर लड़की के चक्कर में, मुझे छोड़ने की तैयारी कर रहा है।’’

प्रेरणा शाम तक रोती रही। शाम को जब मनोज आया, तो प्रेरणा ने उसके सामने वह खत रख दिया।

मनोज ने सफाई देते हुए कहा – ‘‘हां प्रेरणा कल ये खत मुझे एक बच्चा पकड़ा कर चला गया था। तब से मैंने कई बार इसे पढ़ा। मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा था। शायद किसी ने मजाक किया हो। या बच्चा गलती से इसे मुझे पकड़ा गया।’’

प्रेरणा बोली – ‘‘देखो मनोज सच सच बताओ, तुम मुझसे कुछ छुपा तो नहीं रहे हो।’’

मनोज ने कहा – ‘‘प्रेरणा मेरा विश्वास करो, मैं तुम्हारा साथ जीवन भर नहीं छोड़ूंगा।’’

प्रेरणा ने उस खत को फाड़ कर फैंक दिया, और खाना बनाने चली गई।

रात का समय था। दोंनो अपने कमरे में सो रहे थे। कुछ देर बाद प्रेरणा पानी पीने उठी, तो उसे खिड़की पर एक औरत का साया दिखाई दिया।

इससे पहले कि प्रेरणा कुछ सोच पाती, वह साया तेजी से प्रेरणा के सामने आकर खड़ा हो गया। फिर उसने एक नजर मनोज को देखा, और तेज आवाज में बोली – ‘‘तू मुझे मनोज से अलग करेगी। मेरा खत फाड़ेगी। मैं तुझे फाड़ कर रख दूंगी। मनोज मेरा है, मैं इसे किसी भी हाल में नहीं छोड़ सकती।’’

प्रेरणा को कुछ समझ नहीं आ रहा था। वह कुछ बोलना चाहती थी। लेकिन उसकी आवाज नहीं निकल रही थी। वह पसीने पसीने हो गई थी। तभी वह साया आगे बढ़ा, और उसने एक हाथ से प्रेरणा का गला पकड़ लिया।

प्रेरणा दोंनो हाथों से अपने आप को छुड़ाने की कोशिश कर रही थी। तभी उसकी आंख खुलती है। कमरे में कोई नहीं था। वह सपना देख रही थी।

प्रेरणा चीखने लगी – ‘‘मनोज, मनोज, वो फिर आ गई। वो तुम्हें ले जायेगी।’’

मनोज ने उठ कर लाईट जलाई। प्रेरणा मनोज से लिपट गई। मनोज को प्रेरणा ने सारी बात बता दी। मनोज भी डर गया। उसने उठ कर देखा लेकिन वहां कोई नहीं था।

अगले दिन दोंनो तांत्रिक के पास पहुंचे, उसने कहा – ‘‘मैं जानता था, वो इतनी आसानी से पीछा नहीं छोड़ेगी।’’

मनोज बोला – ‘‘बाबा कोई तो रस्ता होगा?’’

तांत्रिक बोला – ‘‘रस्ता है तेरी मौत, पिशाचिनी तुझे मार कर पिशाच बनाना चाहती है। जिससे वह तेरे साथ रह सके।’’

प्रेरणा ने तांत्रिक की ओर गुस्से से देखा – ‘‘बाबा आपके पास कोई रास्ता नहीं है, तो बता दीजिये, हम कहीं और चले जाते हैं। मैं अपने पति को मरने के लिये नहीं छोड़ सकती।

तांत्रिक उसी समय आंख बंद करके बैठ गया। कुछ देर बाद बोला – ‘‘तुझे केवल एक ही तरीके से बचाया जा सकता है। वह है उस पिशाचिनी को धोखा देकर।’’

मनोज बोला – ‘‘लेकिन कैसे बाबा, कैसे धोखा देंगे उसे।’’

तांत्रिक ने आगे कहना शुरू किया – ‘‘तुझे यह दिखाना होगा कि तू भी उसके प्यार में पागल हो चुका है, और अपनी पत्नी को छोड़ना चाहता है, लेकिन वह तुझे नहीं छोड़ रही है। ऐसे में वह प्रेरणा पर हमला करेगी। उसी समय हम उसे भस्म कर देंगे।’’

प्रेरणा बोली – ‘‘ठीक है बाबा, आप तैयारी कीजिये, मैं तैयार हूं।’’

मनोज यह सुनकर गुस्से में बोला – ‘‘नहीं बाबा और कोई रस्ता बताईये। इस बार भी हम चूक गये, तो वह प्रेरणा को मार देगी।’’

तांत्रिक ने कहा – ‘‘बेटा तू उसकी चिंता मत कर, इसे कुछ नहीं होगा। इस बार मैं ऐसा जा बिछाउंगा कि वह बच नहीं पायेगी।’’

जैसा तांत्रिक ने बताया था। मनोज ने वैसा ही किया, वह उसी सुनसान सड़क पर पहुंच कर, पिशाचिनी को बुलाने लगा। मनोज बुरी तरह रो रो कर उसे बुला रहा था – ‘‘कहां हो तुम, मैं तुमसे प्यार करने लगा हूं, मुझे पता है तुम भी मुझसे प्यार करती हों, मेरे पास आओ।’’

कुछ ही देर में तेज हवा चलने लगी, और मनोज को अहसास हुआ, कि उसके पीछे कोई खड़ा है। पीछे एक काफी खूबसूरत लड़की खड़ी थी।

वह बोली – ‘‘तुम मुझसे प्यार करते हो, यह सुनकर बहुत खुशी हुई। चलो हम एक नई दुनिया बसायेंगे।’’

मनोज बहुत डर गया था। लेकिन वह इतनी सुन्दर थी, कि एक बार मनोज भूल गया कि यह इंसान नहीं है। वह बोला – -‘‘मेरी पत्नी मेरा पीछा नहीं छोड़ेगी।’’

वह बोली – ‘‘तुम उसकी चिंता मत करो, मैं उसे मार दूंगी।’’

मनोज ने कहा – ‘‘कब मारोंगी।’’

यह सुनकर पिशाचिनी हसने लगी। उसके हसनें में मनोज खो गया, ऐसा लग रहा था, जैसे वह सच में उससे प्यार करने लगा हो।

कुछ ही देर में वह चली गई। चारों ओर सन्नाटा छा गया। मनोज अपने घर आ गया। प्रेरणा को उसने सारी बात बता दी।

मनोज एक सुन्दर लड़की से बात करके आया था। उसकी हसी उसके दिलो दिमाग पर छा चुकी थी। मनोज जब सोने के लिये लेटा, तो उसे नींद नहीं आ रही थी। रह रह कर उसका ख्याल, उसे परेशान कर रहा था।

अगले दिन जब मनोज काम पर चला गया। प्रेरणा, तांत्रिक के पास गई। तांत्रिक ने कहा – ‘‘तेरा पति खुद उसके प्यार में पड़ गया, अब मैं क्या कर सकता हूं। वह उसके वश में हो गया है।’’

तांत्रिक ने मंत्र सिद्ध करके, एक माला प्रेरणा को दी, और कहा – ‘‘बेटी इसमें मेरी शक्तियां छुपी हुई हैं। बस इसे कभी अपने से अलग मत करना। जब भी पिशाचिनी तुझ पर वार करेगी। खुद भस्म हो जायेगी।’’

प्रेरणा ने घर आकर मनोज को सारी बात बताई, लेकिन मनोज ने इसे एकदम  झुठला दिया।

दो दिन बाद वही हुआ जिसका डर था। प्रेरणा घर में अकेली थी। एक सुन्दर सी लड़की उसके पास आई, और मनोज को छोड़ने को कहने लगी। प्रेरणा समझ चुकी थी, कि यह वहीं पिशाचिनी है।

पिशाचिनी ने प्रेरणा पर वार करने के लिये, जैसे ही हाथ उठाया। मनोज पीछे से आया, और उसने इशारे से पिशाचिनी को मना कर दिया। फिर मनोज ने प्रेरणा की पीठ में चाकू से कई वार कर दिये।

प्रेरणा घायल होकर वहीं गिर पड़ी। उसने देखा, मनोज और पिशाचिनी दोंनो ठहाका मार कर हस रहे थे।

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