जंगल का भूत | Horror Bhoot Stories For Kids

Horror Bhoot Stories For Kids
Advertisements

Horror Bhoot Stories For Kids : एक गांव में लोकेश अपने पिता के साथ रहता था। उसकी मां का स्वर्गवास हो चुका था। लोकेश के पिता रामेश्वर उसे पढ़ा लिखा कर बड़ा आदमी बनाना चाहते थे।

यही उसकी मां का भी सपना था। जिसे पूरा करने की कोशिश दोंनो बाप बेटे जी-जान से करते थे।

लोकेश का स्कूल बहुत दूर था। बीच में जंगल पड़ता था। वह सुबह जल्दी घर से निकलता था और जंगल के रास्ते स्कूल जाता था।

एक दिन वह स्कूल से वापिस आ रहा था। सुनसान जंगल में उसे कुछ आवाज सुनाई दी वह डर गया। लेकिन हिम्मत करके आगे चलता रहा।

भूत: लड़के कहां जा रहा है?

लोकेश: (डरते डरते) तुम कौन हो?

भूत: मैं इस जंगल का भूत हूं बहुत दिन से तुझे देख रहा हूं। तुझे डर नहीं लगता गांव वाले मेरे डर से इस जंगल में नहीं आते।

लोकेश: डर तो लगता है लेकिन स्कूल जाने का यही एक रास्ता है। दूसरे रास्ते से नदी पार करके जाना पड़ता है और नाव वाले को देने के लिये मेरे पास पैसे नहीं हैं।

भूत: खबरदार जो कल से इस रास्ते से आया मैं तुझे खा जाउंगा।

लोकेश: लेकिन मुझे मार कर तुम्हें क्या मिलेगा।

भूत: इस जंगल में मेरे अलावा कोई और नहीं रह सकता।

लोकेश: मैं कौन सा यहां रहने आया हूं। मैं बस दिन में दो बार यहां से गुजरता हूं।

भूत: तुझे मुझसे डर नहीं लगता?

लोकेश: डर तो लगता है लेकिन मैंने अपनी मरती हुई मां से पढ़ लिख कर बड़ा आदमी बनने का वादा किया था। उसके लिये मैं कुछ भी कर सकता हूं।

भूत को उस पर तरस आ जाता हूं।

भूत: चल ठीक है तू यहां से आ जा सकता है लेकिन यह बात किसी ओर को मत बताना न किसी को अपने साथ यहां लाना।

लोकेश बहुत खुश होता है। वह जल्दी से उस जंगल से निकल कर घर पहुंच जाता है।

लोकेश अपने पिता को सब बताना चाहता था, लेकिन उसके पिता रामेश्वर जी यह बात जानकर उसे जंगल में नहीं जाने देते, इसलिये वह चुप रहता है।

अगले दिन से वह डरते डरते जंगल से स्कूल आने जाने लगता है।

कभी कभी उसे भूत की आवाज सुनाई देती भूत उससे सवाल पूछता – जैसे तेरे पिता क्या करते हैं? आज स्कूल में क्या पढ़ाया? लोकेश भूत के सवालों के जबाब देता था। धीरे धीरे उसका भूत से डर निकल जाता है। अब वह हर दिन भूत से बातें किया करता था।

एक दिन लोकेश ने भूत से पूछा –

लोकेश: तुम भूत कैसे बन गये?

भूत: मुझे कुछ लोगों ने मार दिया था जब तक उनसे बदला नहीं लूंगा मैं भूत ही बना रहूंगा।

लोकेश: लेकिन क्यों मारा था तुम्हें?

भूत: मैं फसल बेच कर पैसे लेकर गांव आ रहा था तभी चार लोगो ने मेरे पैसे छीन लिये और मुझे मार दिया।

यह सुनकर लोकेश को बहुत दुःख होता है।

Advertisements
Advertisements

लोकेश: तुम उनको माफ कर दो तुम्हें मुक्ति मिल जायेगी।

भूत: लड़के तुझसे बात कर लेता हूं तो तू कुछ भी बोल रहा है। चल भाग यहां से नहीं तो अगली बार से जंगल में घुसने नहीं दूंगा।

लोकेश: हमारे मास्टर जी कहते हैं। कोई तुम्हारे साथ बुरा करे और तुम भी बदला लेने के लिये उसके साथ बुरा करो तो तुम्हारे में और उसमें क्या फर्क रह जायेगा। मेरी बात मानों उन्हें माफ कर दो और सब भूल जाओ।

भूत कुछ नहीं बोलता और वहां से चला जाता है।

कुछ ही दिनों में लोकेश की परीक्षा आने वाली होती हैं। लोकेश की परीक्षा से पहले कुछ दिन की छुट्टी पड़ जाती हैं। वह घर पर ही रह कर पढ़ाई कर रहा था। उसके पिता खेत पर गये हुए थे। तभी उसे भूत की आवाज सुनाई देती है।

Read More : पिता की तीन बातें (Hindi Kahani Clever Boy)

लोकेश: अरे तुम यहां कैसे?

भूत: तुम इतने दिन से नहीं आये मैंने सोचा कहीं तुम बीमार तो नहीं पड़ गये।

लोकेश: नहीं वो तो मेरी परीक्षा आने वाली है। इसलिए स्कूल की छुट्टी पड़ गई हैं।

भूत: तुम जंगल में बैठ कर भी तो पढ़ सकते हो रोज वहीं आ जाया करो मेरा मन नहीं लगता।

लोकेश भूत की बात मान कर उसके पीछे पीछे जंगल में चल देता है वहां एक पेड़ के नीचे बैठ कर पढ़ने लगता है।

भूत: अगर तुम चाहो तो मैं तुम्हें नकल करा सकता हूं। मैं तुम्हारे सामने कापी लेकर आ जाउंगा मुझे और कॉपी को केवल तुम देख पाओगे। तुम देख कर पेपर दे देना।

लोकेश: नहीं यह गलत होगा। मुझे अपनी क्षमता से पेपर देने चाहिये। नकल करके मैं कभी बड़ा आदमी नहीं बन सकता।

भूत: मुझे माफ कर दो मैं तुम्हारी मदद करना चाहता था।

लोकेश: अगर तुम मदद करना चाहते हो तो सुनो, उन लोगों को माफ कर दो और मुक्त हो जाओ।

भूत वहां से चला जाता है। कुछ देर में लोकेश भी घर आ जाता है।

अगले दिन लोकेश के घर पर कुछ लोग आये थे जो उसके पिता से बात कर रहे थे। बाद में वे लोग चले जाते हैं।

लोकेश: पिताजी ये कौन थे?

रामेश्वर जी: ये सब गुंडे थे इन्होंने एक आदमी के पैसे छीन कर उसे मार दिया था। ये बता रहे थे बहुत दिनों से परेशान थे। न खा पाते थे न सो पाते थे। लेकिन कल वही आदमी इनके सपने में आकर बोला कि रामेश्वर जी के बेटे लोकेश के कारण मैं तुम्हें माफ कर रहा हूं। तब से ये चारों हमें ढूंढ रहे थे। अब चारों जाकर पुलिस स्टेशन में पेश होने जा रहे हैं।

पता नहीं ये हमें कैसे जानते हैं।

लोकेश अपने पिता को सारी बात बताता है जिसे सुनकर उसके पिता पहले तो डर जाते हैं। लेकिन जब वे शान्ति से सारी बात सोचते हैं। तो लोकेश को लेकर जंगल में पहुंच जाते हैं।

लोकेश भूत को आवाज देने लगता है लेकिन वहां कोई नहीं आता।

रामेश्वर जी: बेटा वह अब मुक्ति पा चुका है। चलो अब घर चलें।

लोकेश रोते हुए घर वापस आ जाता है। यह बात पूरे गांव में फैल जाती है। अब गांव के लोग बिना किसी डर के उस जंगल से आने जाने लगते हैं।

Image Source : playground

Advertisements