दोस्ती की कीमत | Kids Hindi Story Friendship

Kids Hindi Story Friendship
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Kids Hindi Story Friendship : वरुण और अमन दोंनो एक गांव में रहते थे। दोंनो गहरे दोस्त थे। दोंनो साथ साथ स्कूल जाते थे। साथ साथ खेलते थे। एक दिन स्कूल की छुट्टी थी। अमन वरुण के पास आया और बोला –

अमन: अरे यार आज तो नदी किनारे चलते हैं। दोंनो वहीं नहायेंगे।

वरुण: पागल हो गया है क्या नदी में कितना गहरा पानी है और हम बच्चें हैं कहीं डूब गये तो?

अमन: डर मत कुछ नहीं होगा। मैंने कई लोगों को मजे से नदी में नहाते देखा है। वैसे भी घाट पर कोई न कोई तो होता है। अगर कुछ हुआ तो हम शोर मचा देंगे। कोई न कोई आ जायेगा।

वरुण: ठीक है मैं मां से पूछ कर आता हूं।

अमन: रुक बात सुन घर वालों से पूछेगा तो वो कभी जाने नहीं देंगे। एक बार नदी में जाकर देखते हैं अगर सब सही रहा तो रोज चला करेंगे। धीरे धीरे तैरना सीख जायेंगे।

वरुण और अमन एक जोड़ी कपड़े लेकर नदी पर पहुंच जाते हैं। वहां एक दो गांव की औरते कपड़े धो रहीं थीं। दोंनो नदी के किनारे नहाने लगे। अमन उससे आगे चलने की जिद्द करने लगा।

वरुण: नहीं आगे पानी गहरा होगा कहीं पैर फिसल गया। तो क्या होगा? यहीं नहा लेते हैं।

अमन: यार तू बहुत डरता है। अच्छा मैं जाता हूं। फिर तू भी आ जाना।

अमन आगे जाकर नहाने लगा। कुछ देर नहाने के बाद उसने वरुण को आवाज दी –

अमन: अरे आ जा यार कुछ नहीं बहुत कम पानी है।

वरुण भी उसकी बात मान कर चला गया। दोंनो मजे से नहाने लगे। पहली बार नदी में नहा कर उन्हें बहुत मजा आया। कुछ देर बाद वे दोंनो थक गये और बाहर आ गये।

बाहर आकर उन्होंने कपड़े बदले और गीले कपड़े वहीं सुधा दिये फिर नदी के किनारे बैठ कर बातें करने लगे।

अमन: देखा कितना मजा आया। मैं न कहता था।

वरुण: हां मजा तो बहुत आया लेकिन डर भी बहुत लग रहा था।

अमन: तू तो बेकार ही में डरता है। अब हमें कोई न कोई काम तो पहली बार करना ही है। अब बता अगली बार डर लगेगा?

वरुण: हां बात तो सही है लेकिन घरवालों को इसका पता नहीं लगना चाहिये।

अमन: अरे यहां कौन आता है। सब वहीं कुएं से पानी ले लेते हैं।

अगले दिन से दोंनो छिप छिपा कर नदी पर नहाने जाने लगे। धीरे धीरे उन्हें मजा आने लगा वे दोंनो बीच नदी में भी जाने लगे।

इसी बीच बरसात शुरू हो गई थी। नदी में काफी पानी आ गया था। एक दिन अमन बोला –

अमन: वरुण चल कई दिन हो गये नदी पर चलते हैं।

वरुण: तेरा दिमाग खराब है तुझे पता भी है नदी में कितना पानी आ गया है। कोई भी नदी के पास नहीं जा रहा है।

अमन: अरे में तो कितना समय हो गया नहाते हुए कुछ नहीं होगा तू चल।

वरुण: नहीं भाई मैं नहीं जाउंगा। बरसात के बाद जब पानी कम हो जायेगा तब चलना।

अमन नहीं माना और उसे जबरदस्ती ले गया। नदी के पास पहुंच कर दोंनो ने देखा कि नदी तेज उफान पर थी।

वरुण: देखा कितना तेज पानी है और अब गहरा भी हो गया है देख पूरा घाट डूब गया है।

अमन: चल किनारे पर नहाते हैं बीच में नहीं जायेंगे।

वरुण: नहीं मैं बिल्कुल नहीं जाउंगा। तुझे जाना है तो जा।

अमन नदी में जाकर नहाने लगता है। वरुण किनारे पर बैठा था। तभी अमन का पैर फिसल जाता है। वह नदी में डूबने लगता है। वरुण जब देखता है तो वह नदी किनारे पहुंच कर उसे बचाने की कोशिश करता है लेकिन वह वहां से दूर चला जाता है।

वरुण को कुछ समझ नहीं आता वह शोर मचाने लगता है। उसका शोर सुनकर पास ही खेत में काम कर रहे दो लोग आ जाते हैं उनमें से तैरना जानता था। वह नदी में कूद जाता है और अमन को बाहर निकाल लेता है।

अमन को लिटाया जाता है। वरुण उसके पास बैठ कर रो रहा था। तभी एक आदमी उससे कहता है –

आदमी: बेटा तुम दोंनो नदी में क्यों गये तुम्हें पता नहीं है नदी में बाढ़ आई हुई है। जाओ इसके घरवालों को बुला कर लाओ।

वरुण भाग कर अमन के घर पहुंच जाता है और उसके माता पिता को साथ ले आता है।

वहां पहुंचने पर देखते हैं तो अमन ठीक होता है वह पेड़ के नीचे बैठा था।

उसकी मां उसे गले से लगा लेती है। उसके पिताजी वरुण और अमन दोंनो को बहुत डांटते हैं। इधर वरुण के घरवालों को भी बुलाया जाता है। दोंनो को खूब डांट पड़ती है।

दोंनो अपनी गलती मांग कर माफी मांगते हैं। उसके बाद वरुण और अमन के घरवाले उन्हें आपस में मिलने से मना कर देते हैं।

स्कूल में भी वरुण अमन से बात नहीं करता था। अमन ने कई बार कोशिश की लेकिन वरुण नहीं माना।

अब अमन को वरुण पर बहुत गुस्सा आ रहा था। उसने वरुण को सबक सिखाने की सोची।

वरुण एक दिन स्कूल से घर की ओर चला, तो अमन ने अपने दोस्तों के साथ मिल कर उसे घेर लिया।

अमन: बहुत होशियार बनता है। जान से मरते मरते मैं बचा और नखरे तू दिखा रहा है बता मेरा दोस्त बनेगा या नहीं।

वरुण: मेरे घर वालों ने तेरे से बात करने के लिये मना किया है। वैसे भी तू बहुत जिद्दी है। तुझसे मुझे कोई मतलब नहीं रखना।

अमन और उसके दोस्त मिल कर वरुण को बहुत मारते हैं और अधमरा छोड़ कर भाग जाते हैं। वरुण के घर वालों को जब इसकी खबर मिलती है तो वो उसे लेकर अस्पताल जाते हैं। जहां कई दिनों तक वरुण का इलाज चलता है।

पिता: वरुण अब तो कई दिन हो गये। बता किसने मारा तुझे।

वरुण: मुझे नहीं पता पिताजी किसी ने पीछे से मारा में गिर पड़ा फिर तीन चार लड़के मुझे मारने लगे मैंने उनकी शक्ल नहीं देखी।

इधर जब अमन को वरुण की हालत के बारे में पता लगा तो वह बहुत डर गया।

कुछ दिन बाद वरुण थोड़ा ठीक हुआ तो अमन उससे मिलने उसके घर गया। घर पर कोई नहीं था। उसके माता पिता खेत पर गये हुए थे।

अमन: दोस्त मुझे माफ कर दे। मैं बहुत गुस्से में आ गया था। लेकिन तू मेरा सच्चा दोस्त है तूने फिर भी मुझे बचा लिया। नहीं तो मुझे पुलिस के हवाले कर सकता था।

वरुण: मैं तुझे सुधारना चाहता था। अगर तुझे पुलिस में दे देता तो तू हमेशा के लिये अपराधी बन जाता और तेरे मां बाप पर क्या गुजरती।

अमन उसकी बातें सुनकर रोने लगा।

वरुण: चल अब रो मत अगले हफ्ते से मुझे लेने आ जाना दोंनो साथ में स्कूल चलेंगे। मैंने अपने पिताजी से बात कर ली है।

अगले हफ्ते से दोंनो स्कूल जाने लगे।

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