चुड़ेल का साया | Village Horror Story in Hindi

village horror story in hindi
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Village Horror Story in Hindi : रायपुर गांव में रात के सन्नाटे में छम छम की आवाज आती थी और सभी गांव वाले डर जाते थे इस आवाज को आते हुए तीन महीने हो चुके थे कभी कभी रात को यह आवाज गांव वालों को सुनाई देती थी।

जिस रात को यह आवाज सुनाई देती थी, उस दिन किसी के घर से एक सदस्य गायब हो जाता था और उसका कोई पता नहीं चलता था। गांव वालों को शक था कि गांव में एक चुड़ेल घूमती है। वह किसी न किसी घर को अपना निशाना जरूर बनाती थी।

गर्मी अगर किसी की खिड़की खुली रह जाये तो उस घर से कोइ न कोई गायब हो जाता था वह कोई आदमी या बच्चा होता था। गांव वालों में बहुत दहशत थी। रात होते ही सब अपने खिड़की, दरवाजे बंद करके अंदर बैठ जाते थे।

इस दहशत के कारण गांव वाले गांव छोड़कर जाने का मन बना रहे थे।

एक दिन गांव के सरपंच ठाकुर सुरेन्द्र सिंह ने गांववालों को इकट्ठा किया और उनसे बात की

सरपंच: एक चुड़ेल के डर से आप लोग गांव छोड़ कर जा रहे हो इस तरह तो पूरा गांव उजड़ जायेगा। हमें इस समस्या का कोई हल ढूंढना चाहिये इस तरह से अपना घर अपने खेत छोड़ कर भागना नहीं चाहिये।

हरिया: सरपंच जी हममें से कईयों ने अपने परिवार के सदस्य खो दिये हैं अब तो पानी सर के उपर हो गया है। आप कुछ कीजिये वरना हमें तो जाना ही पड़ेगा।

सरपंच: घबराने से कुछ नहीं होगा मैंने अगले गांव में रहने वाली जानकी ताई से बात की है वे टोने टोटके करती हैं उन्हें बुलाया है। देखते हैं क्या होता है।

गांव वाले सरपंच को बहुत मानते थे। सबने उनकी बात का समर्थन किया और जानकी ताई के आने का इंतजार करने लगे।

अगले दिन जानकी ताई गांव में आईं काले रंग के कपड़े पहने, गले में बड़ी छोटी कई मालायें पहने हाथ में मोरपंख से बना एक झाड़ फूक करने का झाडू जैसा डंडा लिये वे गांव के बीच बने पीपल के पेड़ के नीचे बैठ गईं।

सरपंच और गांव वाले दौड़ते हुए उनके पास आये उनका स्वागत किया उन्हें नाश्ता कराया उसके बाद गांव वालो ने अपनी समस्या बताई। उसे सुनकर जानकी ताई ने कहा मुझ उन घरों को देखना है जहां यह सब हुआ है। गांव वाले उन्हें एक घर के पास ले गये। वहां पहुंच कर जानकी ताई ने आंख बंद करके उसकी चौखट को छुआ।

जानकी ताई: सरपंच जी यहां तो चुड़ेल का साया है। इससे बचना बहुत मश्किल है। मुझे पूजा करनी होगी इसे वश में करके पूछना पड़ेगा।

सरपंच: आप कुछ भी कीजिये लेकिन इससे हमारा पीछा छुड़वाईये। वरना पूरा गांव उजड़ जायेगा।

जानकी ताई: कोई भी आत्मा किसी को यूं ही परेशान नहीं करती कुछ गलती तो आप लोगों ने भी की होगी। वही मुझे जानना है। तभी उसका हल निकलेगा।

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आप पूजा की तैयारी कीजिये मैं कल आउंगी पूरी रात गांव में उजाला रखियेगा आग जला कर और पूरा गांव पूजा में शामिल होगा घर में एक बच्चा भी नहीं रहना चाहिये वरना वो चुड़ेल उसे अपना निशाना बना लेगी। मेरी पूजा में वो किसी का कुछ नहीं बिगाड़ पायेगी।

अगले दिन गांव में पूरी तैयारी की गई पूरे गांव में रोशनी के लिये जगह जगह मशाले लगाई गईं। गांव के बीच में हवन कुण्ड बनाया गया पूजा का सारा सामान इकट्ठा किया गया।

अगले दिन रात को जानकी ताई अपने साथ चार लोगों को लेकर पूजा करने आईं सभी ने काले कपड़े पहने थे। पूरा गांव वहां इकट्ठा था।

जानकी ताई: कोई भी चुड़ेल के आने पर डरेगा नहीं, न ही उस पर हमला करेगा। मैं उसे वश में करूंगी और उसकी आत्मा को मुक्ति दिलाउंगी।

कुछ देर बाद पूजा शुरू हुई मंत्रों का जाप होने लगा तभी दूर पीपल के पेड़ पर एक काला साया दिखाई दिया। जानकी ताई ने उसे मन्त्रों में बांध कर हवन कुण्ड के पास बुलाया।

भयानक चेहरा आखों में खून भरा था बड़े बड़े दांत काले कपड़े पहने वह साया आकर बैठ गया। उसके जिस्म से मुर्दे के जलने जैसी शमशान की बदबू आ रही थी।

जानकी ताई: कौन है तू? गांव वालों को क्यों परेशान कर रही है। यहां से गायब हुए लोग कहां हैं?

चुड़ेल: मैं पूरे गांव को खत्म कर दूंगी। मैंने सबको मार कर खा लिया।

जिनके घरों के लोगा गायब थे वे ये सुनकर रोने लगे। उनके रोने की आवाज सुनकर चुड़ेल जोर जोर से हसने लगी।

जानकी ताई: सच सच बता नहीं तो तुझे यहीं भस्म कर दूंगी।

यह कहकर उन्होंने एक मन्त्र पड़ा जिससे चुड़ेल बैचेन हो गई

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चुड़ेल: रुको बताती हूं। मैं इस गांव में रहती थी मेरा नाम पूनम है। मेरे कोई बच्चा नहीं था इसलिये एक तांत्रिक ने मुझे रात को पीपल के नीचे दिया जलाने के लिये कहा मैं वही कर रही थी। गांव वालो ने सोचा मैं जादू टोना कर रही हूं इस सरपंच और गांव के कई लोगो ने रात ही में मेरा गला दबा कर मुझे मार दिया। मैं इनसे बदला लेकर रहूंगी।

जानकी ताई: क्यों सरपंच यह सच कह रही है?

सरपंच: ताई हमसे बहुत बड़ी भूल हो गई।

जानकी ताई: इन्होंने तेरे साथ बहुत गलत किया अब ये बता गांव वाले जिन्हें तूने बंदी बनाया है वो कहां है? और तेरी मुक्ति कैसे होगी?

चुड़ेल: मैं किसी को नहीं छोड़ूंगी और हर घर से एक बलि लूंगी। यह कहकर वह गायब हो गई।

सरपंच: अब क्या होगा जानकी ताई?

जानकी ताई: तुमने एक निर्दोष औरत की हत्या की है इसका कलंक पूरे गांव को लगा है।

यह सुनकर सभी गांव वाले डर गये।

जानकी ताई: एक काम करो अपने घर के दरवाजे पर दोनो एक एक कील ठोको उसमें चार चार हरी चूड़िया लटका दो उसके बीच में एक सिन्दूर का टीका लगा दो। इससे उस घर में यह नहीं घुस सकेगी। यह काम घर की औरते करें और अपने सुहाग पर से चूड़ी और सिन्दूर उतार कर उसे टांगे। रात को कोई घर से बाहर न निकले।

सभी गांव वालो ने ऐसा ही किया। अब उन्हें छम छम की आवाज सुनाई देती थी लेकिन किसी घर से कोई गायब नहीं होता था।

एक दिन जानकी ताई गांव वालों का हालचाल जानने के लिये गांव पहुंची। गांव वालों से बात करने पर उन्हें सब ठीक लगा।

जानकी ताई: वो सब तो ठीक है लेकिन यह सब ज्यादा दिन नहीं चल पायेगा। एक दिन कोई न कोई गलती से बाहर निकल जायेगा। चुड़ेल उसे अपने साथ ले जायेगी।

सरपंच: तो हम क्या करें ताई जो इससे मुक्ति मिले।

जानकी ताई: इस आत्मा को मुक्त करना होगा। मैं अगले सप्ताह इसकी मुक्ति के लिये पूजा करूंगी लेकिन उस पूजा में गांव का कोई आदमी नहीं होना चाहिये।

एक सप्ताह बाद रात के समय जानकी ताई पूजा करने की तैयारी कर रही थीं तभी वह चुड़ेल वहां आ गई।

चुड़ेल: तू मुझे मुक्त करना चाहती है तो पहले गांव वालों को मार जिन्होंने मुझे मार दिया।

जानकी ताई: अब उन्हें माफ कर दे। नहीं तो तू हमेशा भटकती रहेगी।

चुड़ेल: नहीं मैं उन्हें कभी माफ नहीं करूंगी खासतौर पर सरपंच को।

तभी वहां सरपंच आ जाता है।

सरपंच: तुझे मेरी जान लेनी है तो ले ले लेकिन इन गांव वालों को माफ कर दे।

जानकी ताई: मैंने मना किया था बाहर आने को तुम्हें पता नहीं तुमने अपनी मौत को दावत दी है।

सरपंच: ताई मैं वैसे भी पछतावे से मर रहा हूं कम से कम मेरे मरने से गांव तो उजड़ने से बच जायेगा।

चुड़ेल: मुझे तेरी ही तलाश थी। लेकिन तुझे पछताते देख मेरा मन बदल गया। ताई मुझे मुक्ति दिला दो।

जानकी ताई पूजा करती हैं थोड़ी देर में चुड़ेल की आत्मा स्वर्ग को चली जाती है।

उस दिन से गांव में कभी छम छम की आवाज सुनाई नहीं दी।

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