Hindi Kids Story White Elephant : एक जंगल में बहुत से जानवर रहते थे। उसमें हाथियों का एक झुण्ड था। इसी झुण्ड की सरदार एक हथिनी थी।
जिसका नाम मालिनी था। वह काफी समझदार और नेक दिल थी। अपने झुण्ड के सभी छोटे बड़े सदस्यों का ध्यान रखती थी। झुण्ड जब भी खाने या पानी की तलाश में जाता मालिनी सबसे आगे चलती थी।
शिकारियों द्वारा बनाये गये गढ्ढो जो कि उन्होंने छिपाये होते हैं मालिनी दूर से ही भांप लेती थी। वह रास्ता बदल कर अपने झुण्ड को बचाती थी।
झुण्ड के सभी हाथी और उनके परिवार मालिनी की हर बात मानते थे। इसी तरह समय बीत रहा था। कुछ समय बाद मालिनी हाथी ने एक बच्चे को जन्म दिया जिसे देख कर सभी झुण्ड के सदस्य आश्चर्य चकित रह गये।
जो नन्हा सा हाथी झुण्ड का सदस्य बना था वह था। सफेद हाथी। जहां सारे हाथी काले रंग के थे वहीं यह सफेद हाथी पूरे जंगल में कोतुहल का विषय बन गया था।
जो भी सफेद हाथी के बारे में सुनता वह उसे देखने आ जाता। लेकिन मालिनी इस सब से खुश नहीं थी।
मालिनी की सहेली पूनम हथिनी ने जब मालिनी से इसका कारण पूछा तो मालिनी ने कहा – ‘‘बहन तुम नहीं जानती अनगिनत हाथियों में बड़े नसीब से एक सफेद हाथी पैदा होता है। जितना इस बच्चे के बारे में सबको पता लगेगा उतना ही इसकी जान को खतरा बढ़ जायेगा।’’
पूनम यह बात सुनकर बोली – ‘‘हां यह बात तो हमने सोची नहीं कि हमारे नये सदस्य की जान को सबसे ज्यादा खतरा है शिकारियों को अगर इसके बारे में पता लग गया तो वे इसे किसी भी कीमत पर उठा कर ले जायेंगे।’’
मालिनी ने कहा – ‘‘हां मैं इसी बात से चिंतित हूं।’’
पूनम ने कहा – ‘‘बहन चिंता मत करो तुमने हमारे पूरे झुण्ड की सालों से रक्षा की है। कई बार अपनी जान पर खेल कर भी तुमने में मुसीबत में पड़ने से बचाया है। अब झुण्ड की जिम्मेदारी है तुम्हारे बच्चे की रक्षा करने की।
पूनम ने पूरे झुण्ड को एकत्रित किया और कहा – ‘‘आज से हमारा पूरा झुण्ड मालिनी के बच्चे की रक्षा करेगा। उसको शिकारियों से बचाने के लिये हमें अपने प्राण भी देने पड़ें तो भी हम पीछे नहीं हटेंगे।’’
सभी ने सूंड उठा कर उसकी बात का समर्थन किया। अगले दिन से जब भी झुण्ड खाना लाने या पानी की तलाश में जाता चार हाथी नन्हें सफेद हाथी की रक्षा के लिये रुक जाते थे और बाकी सदस्य उनका भी खाना और सूंड में पानी भर कर लाते थे।
लेकिन धीरे धीरे ये बात शिकारियों को पता लग गई कि जंगल में एक सफेद हाथी ने जन्म लिया है।
शिकारियों में सबसे प्रमुख था रार्बट जिसके पास आधुनिक हथियार थे।
रार्बट ने अपने साथियों को इकट्ठा किया और कहा – ‘‘साथियों मैंने विदेश में बात कर ली है। अगर हम किसी तरह उस छोटे सफेद हाथी को चुरा लायें तो उसकी इतनी कीमत मिलेगी कि आगे हमें शिकार के लिये जंगल में भटकना नहीं पड़ेगा।’’
रार्बट की बात सुनकर सभी बहुत खुश हो गये। उन्होंने प्लान बनाना शुरू कर दिया कि कैसे हाथियों को चकमा देकर सफेद हाथी के बच्चे को चुराया जाये।
अगले दिन से कुछ शिकारी छिप छिप कर हाथियों पर नजर रखने लगे। हाथी इस सबसे बेखबर अपने आप में मस्त रहते थे।
एक दिन मालिनी अपने झुण्ड के साथ भोजन की तलाश में गई वह जंगल में जा रही थी। तभी उसकी नजर एक उंचे पेड़ पर गई जिस पर एक शिकारी बैठा था। मालिनी ने सबको होशियार कर दिया वह इधर उधर गढ्ढा ढूंढने लगी। लेकिन उसे कुछ नजर नहीं आया। न ही उस शिकारी ने उन पर हमला किया।
मालिनी एक एक कदम फूंक फूंक कर रख रही थी कि कहीं शिकारियों ने कोई जाल तो नहीं बिछा रखा है।
लेकिन जब कुछ ऐसा नहीं मिला तो मालिनी ने वापस जाने का फैसला किया। वापस आकर मालिनी ने सबको बुलाया और कहा – ‘‘आज जो हुआ उससे एक बात समझ में आ गई कि शिकारी हम पर हमला नहीं कर रहे न ही हमारे लिये जाल फैला रहे हैं वे हम पर नजर रख रहे हैं। शायद वे मेरे बच्चे को चुराना चाहते हैं।’’
तभी झुण्ड एक हाथी ने कहा – ‘‘अगर ऐसी बात है तो हम कल से उन शिकारियों को देखते ही मार देंगे जिससे उनमें डर बैठ जाये और वे जंगल में न घुसें।’’
मालिनी बोली – ‘‘नहीं इससे तो वो और गुस्से में आ जायेंगे और हाथियों को मारना शुरू कर देंगे। हमें होशियारी से काम लेना होगा।’’
रात के समय मालिनी अपने झुण्ड के साथ जंगल के राजा शेर के पास गई और उसे सारी बात बताई। शेर ने सारी बात सुनने के बाद कहा – ‘‘बहन हम सब जंगल में मिलजुल कर रहते हैं तुम चिंता मत करो ये बताओ करना क्या है।’’
मालिनी ने कहा – ‘‘मैं चाहती हूं जब तक मेरा बच्चा बड़ा नहीं हो जाता तब तक तुम इसे अपनी गुफा में रखो।’’
शेर बोला – ‘‘अरे बहन बस इतनी सी बात आज से तुम्हारा बच्चा अपने मामा के घर रहेगा। बाहर में और मेरी पत्नी बैठे रहेंगे किसी क्या मजाल जो यहां कदम भी रखे। वैसे भी सफेद हाथी हमारे जंगल की शान है। कोई इसकी तरफ आंख उठा कर नहीं देख सकता आप बेफिक्र रहो।’’
अब नन्हा सफेद हाथी शेर की गुफा में रहता था और हाथियों का झुण्ड मस्ती से पूरे जंगल में घूमता फिरता रहता था।
इधर रार्बट और उसके साथी पूरे जंगल में नजर रखते रहते लेकिन उन्हें कहीं भी सफेद हाथी नहीं दिखा।
एक दिन रार्बट ने सबको बुलाया और डांटा – ‘‘तुम एक हाथी के बच्चे को नहीं ढूंढ पाये। कहां गया वो?’’
शिकारी बोला – ‘‘पता नहीं हाथी कभी भी अपने बच्चे को अपने से अलग नहीं रखते लेकिन यह पता नहीं कहां है, यो तो इन्होंने इसे किसी और जंगल में भेज दिया, या वह मर गया।’’
रार्बट बोला – ‘‘दूसरा जंगल तो यहां से बहुत दूर है वहां तक ये नहीं जा सकते हां ये हो सकता है कि वो मर गया हो। हमारा तो बहुत नुकसान हो गया। फिर भी तुम अगले कुछ दिन इन पर नजर रखो अगर नहीं मिले तो फिर हम यहां से दूसरे जंगल में चले जायेंगे।’’
कई दिन ढूंढने के बाद भी जब सफेद हाथी नहीं मिला तो शिकारी उस जंगल को छोड़ कर चले गये।
मालिनी की सूझबूझ ने अपने बच्चे की जान बचा ली। मालिनी का यही बच्चा जब बड़ा हुआ तो वह भी मालिनी की तरह ही समझदार और होशियार था। मालिनी अब बूढ़ी और कमजोर हो गई थी। उसका बच्चा अब झुण्ड का नेतृत्व करता था। अब वह शान से झुण्ड के आगे चलता था और हर खतरे से सबको बचाता था।
वह इतना शक्तिशाली था कि शिकारी उसे देख कर ही घबरा कर भाग जाते थे।
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