बन्दर का जादू | Panchatantra Monkey Story

Panchatantra Monkey Story
Panchatantra Monkey Story

Panchatantra Monkey Story : चिंकी बन्दर जंगल में दिन रात उछल कूद करता रहता था। जंगल में उसे बहुत कम खाना मिल पाता था। जिससे वह बहुत परेशान था।

चिंकी बन्दर दिन भर सोता रहता था। एक दिन उसकी पत्नी पिंकी बन्दरिया ने कहा – ‘‘सुनो जी कुछ ऐसा करो कि हमें भरपेट खाना मिल सके।’’

चिंकी बन्दर ने कहा – ‘‘मैं क्या करूं ये भोलू हाथी सारे केले खा जाता है। अगर में गलती से एक दो केले ले भी लूं, तो वह पूरा पेड़ हिला कर मुझे नीचे गिरा देता है। दो पहले बड़ी मुश्किल से मैंने अपनी जान बचाई थी।’’

चिंकी बन्दर का एक छोटा सा बच्चा भी था। दोंनो को उसके खाने की चिंता भी रहती थी।

एक दिन चिंकी बन्दर ने कहा – ‘‘सुन पिंकी मैं सोच रहा हूं। शहर चला जाता हूं। सुना है वहां बहुत सा खाना मिल जाता है। अगर सब ठीक रहा तो मैं वापस आकर तुम दोंनो को भी ले जाउंगा।’’

अगले दिन चिंकी बन्दर शहर पहुंच जाता है। वहां उसे बहुत अच्छा खाना मिलने लगता है। कभी किसी की छत पर कभी रास्ते पर वह फल और खाने का सामान उठा कर भाग लेता था।

एक दिन चिंकी बन्दर एक जगह पर बैठा आराम कर रहा था। तभी उसने देखा कि एक जादूगर जादू दिखा रहा है। जिसे देख कर सब लोग ताली बजा रहे थे और जादूगर को बहुत से पैसे दे रहे थे।

चिंकी बन्दर को यह काम बहुत पसंद आया। उसने सोचा क्यों न मैं जादू सीख जाउं, तो जंगल के जानवर मुझे भी खाना लाकर ले दिया करेंगे और मेहनत भी नहीं करनी पड़ेगी।

अब चिंकी बन्दर दिन में जादू के करतब सीखने लगा। धीरे धीरे उसे सब पता लग गया कि कैसे जादू दिखाया जा सकता है।

जादूगर के पास बहुत सा सामान था। एक दिन रात के समय चिंकी बन्दर ने जादूगर का कुछ सामान चुरा कर एक पोटली में बांध लिया। जाते समय उसने उसकी टोपी भी चुरा ली और गांव की ओर चल दिया।

गांव पहुंच कर उसने अपनी पत्नी पिंकी से कहा – ‘‘अब देख मैं क्या करता हूं। बस तू ये टोपी और कपड़े मेरे हिसाब से सही कर दे, फिर देखना हमें कभी भी खाने की कमी नहीं होगी।’’

पिंकी बन्दरिया ने कपड़े छोटे कर दिये और टोपी भी छोटी कर दी। अगले दिन चिंकी बन्दर ने सभी जानवरों को जादू दिखाने के लिये बुलाया।

चिंकी बन्दर तैयार होकर हाथ में एक डंडा लेकर जादू दिखाने लगा। जंगल के भोले भाले जानवर उसके जादू को देख कर आश्चर्यचकित रह गये।

चिंकी बन्दर ने एक मेज में बीच में सुराख कर रखा था। उसने उस पर एक कपड़ा बिछा दिया था। जो कि बीच में से फटा हुआ था। चिंकी बन्दर ने कहा – ‘‘भोलू हाथी अपने केले यहां रखो मैं जादू से आधे केले गायब कर दूंगा।’’

भोलू हाथी ने कुछ केले रख दिये। इधर उसने पिंकी बन्दरिया को सब समझा दिया था। वह मेज के नीचे बैठ गई और जैसे ही चिंकी ने केलों पर कपड़ा ढका। उसने मेज के सुराख से आधे केले निकल लिये।

चिंकी ने कपड़ा हटाया तो वहां आधे ही केले थे। यह देख कर सब ताली बजाने लगे। चिंकी बन्दर ने कहा – ‘‘मैं किसी का भी खाना गायब कर सकता हूं। अगर तुम सब अपना खाना बचाना चाहते हो, तो हर दिन मुझे अपने खाने का आधा दे जाया करो।’’

यह सुनकर सभी जानवर डर गये। अगले दिन से सब अपना आधा खाना चिंकी बन्दर के पास रख जाते थे।

चिंकी, पिंकी और उनके बच्चे के मजे आ गये। तीनों मिल कर मजे से खाना खाते। चिंकी दिन भर सोता रहता था।

इसी तरह समय बीत रहा था। लेकिन जंगल के जानवर बहुत परेशान थे। वे बड़ी मुश्किल से खाना इकट्ठा करते और आधा खाना उन्हें चिंकी को देना पड़ता था।

एक दिन शहर से मिट्ठू तोता अपने घर आया। वह शहर में एक सरकस में काम करता था। शहर से वह बहुत सा सामान लाया था। उसने अपने घरवालों को सारा सामान दिया और अपने दोस्तों से मिलने जंगल में चला गया।

जंगल के जानवरों ने उसे सारी बात बता दी। यह सुनकर मिट्ठू तोते ने कहा – ‘‘वह तुम सब को बेवकूफ बना रहा है। हमारे सरकस में भी जादू होता है। लेकिन खाना गायब नहीं होता उसे तो छिपा दिया जाता है। तुम उससे एक बार फिर से यह करतब दिखाने को कहो। मैं उसका भांडा फोड़ दूंगा।’’

भोलू हाथी को बहुत गुस्सा आया वह बाकी जानवरों के साथ चिंकी बन्दर के पास पहुंचा और बोला – ‘‘जादूगर भाई हमें एक बार फिर से अपना जादू दिखा दो।’’

चिंकी बन्दर बोला – ‘‘अभी तो मेरे सोने का समय है कल इसी समय आ जाना।’’

अगले दिन सभी जानवर मैदान में इकट्ठा हो गये। भोलू हाथी ने कहा – ‘‘भाई उस दिन की तरह मेरे आधे केले गायब करके दिखाओ।’’

चिंकी बन्दर ने कहा – ‘‘अरे इसमें कौन सी बड़ी बात है लाओ केले दो।’’

भोलू हाथी ने केले मेज पर रख दिये। दूर पेड़ पर बैठ कर मिट्ठू तोता यह सब देख रहा था। जैसे ही चिंकी बन्दर ने केलों पर कपड़ा ढका और डंडे घुमा कर जादू करने लगा। मिट्ठू तोता कपड़ा लेकर उड़ गया।

सबने देखा कि पिंकी बन्दरिया। मेज के नीचे बैठ कर मजे से केले खा रही थी। सभी को चिंकी की चालाकी के बारे में पता लग गया। चिंकी बन्दर को भोलू हाथी ने अपनी सूंड से उठा लिया। वह डर के मारे कांपने लगा।

भोलू हाथी ने कहा – ‘‘अब तुझे सारा दिन जंगल से खाना इकट्ठा करके हमें देना होगा। बहुत दिन आराम कर लिया अब तुम दोंनो सभी जानवरों के लिये खाना इकट्ठा करो, नहीं तो मै तुझे कुचल कर रख दूंगा।’’

चिंकी बन्दर ने माफी मांगी और अगले दिन से वह खाना इकट्ठा करने लगा था। साथ में पिंकी बन्दरिया भी उसकी मदद करती थी।

Read Also

चींटी की टोपी

घमण्डी चुहा

भोलू हाथी की कार

बिल्लियों की शोपिंग

बन्दर बना जंगल का राजा

गिलहरी और जादुई तलाब