शालिनी: माँ कैसी हों आप? और पापा आप कैसे हैं?
हिम्मतलाल जी: बेटी मैं तो अच्छा तू बहुत कमजोर लग रही है।
शालिनी: नहीं पापा बस ऐसे ही चलिये घर चल कर बात करते हैं।
तीनो घर के लिये रवाना हो जाते हैं। घर पहुंच कर सुशीला ने शालिनी से कहा –
सुशीला जी: बेटी तू फ्रेश हो जा फिर डिनर करेंगे।
शालिनी: ठीक है माँ बाद में मुझे आप दोंनो से ढेर सारी बातें करनी हैं।
शालिनी कपड़े लेकर नहाने के लिये बाथरूम में घुस जाती है।
सुशीला जी: सुनो जी इसे सागर के बारे में कुछ मत बताना। नहीं सब कुछ छोड़ कर उसके पीछे भाग लेगी। बड़ी मुश्किल से तो अपने कैरियर पर फोकस कर रही है।
हिम्मतलाला जी चुपचाप अखबार बढ़ते रहे।
शालिनी नहा कर निकली तो खाने की बहुत अच्छी खुशबू आ रही थी।
शालिनी: माँ तरस गई आपके हाथ का खाना खाने के लिये।
सुशीला जी: चिन्ता मत कर सारी कसर पूरी कर दूंगी। तेरे वापस जाने तक तुझे पहले जैसी हट्टी कट्टी बना दूंगी।
हिम्मतलाल जी: अरे अभी से जाने की बात कर रही हों अभी तो वो आई है तुम भी कुछ भी बोलने लगती हों।
यह सुनकर तीनों हसने लगते हैं। उसके बाद खाना खाकर तीनों शालिनी के कमरे में पहुंच जाते हैं।
शालिनी: और बताईये पापा यहां क्या चल रहा है आप सब कैसे हैं।
हिम्मतलाल जी: बेटी यहां सब ठीक है तू चिन्ता मत कर।
इसी तरह बातें करते करते शालिनी को नींद आने लगती है। उसके माता पिता उसे सुला कर कमरे से बाहर आ जाते हैं।
अगले दिन वो सुबह उठ कर तैयार हो रही थी। तभी हिम्मतलाल जी उसे याद दिलाते हैं –
हिम्मतलाल जी: बेटी आज काव्या की शादी है। कितने बजे चलना है?
शालिनी: पापा शाम को चलेंगे उससे मेरी बात हो गई है वह अभी ब्यूटी पार्लर जा रही है शाम को सात बते के बाद ही मिल पायेगी।
शाम को शालिनी अपने मम्मी पापा के साथ शादी में पहुंच जाती है। वह गेट से अंदर की ओर आ रही थी तभी उसे स्टेज पर काव्या अपने दुल्हे के साथ खड़ी दिखाई देती है।
उन दोंनो को से मेहमान मिलने आ रहे थे और गिफ्ट देकर आगे जा रहे थे।
तभी उसने देखा क्रीम कलर का कोट पहने सागर स्टेज पर काव्या के पास पहुंच गया। उसने काव्या को गिफ्ट दिया और कुछ देर बात की। शालिनी के मन में उससे मिलने की बैचेनी बढ़ने लगी वह तेज कदमों से स्टेज की ओर चल दी जब वह स्टेज के सामने पहुंची तो उसने देखा कि सागर तेजी से कदम बढ़ाता हुआ दूसरे रास्ते से बाहर निकल रहा था।
शालिनी सब कुछ भूल कर उसके पीछे दौड़ने लगी। लेकिन वह तेजी से गाड़ी में बैठ कर निकल गया।
शालिनी ने फोन निकाल कर सागर का नम्बर ढूंढने लगी, तभी उसे याद आया उसने तो सिम ही चेंज कर ली थी। वह निराश होकर वापस आ गई सागर को देख कर उसकी आंखों में आंसू भर आये थे।
इतने में उसके मम्मी पापा स्टेज के पास पहुंच गये।
हिम्मतलाल जी: क्या हुआ बेटी? तेरी आंखों में आंसू।
शालिनी: कुछ नहीं पापा बस ऐसे ही कुछ गिर गया आंख में आप बैठ्यिे मैं काव्या से मिल कर आती हूॅं।
शालिनी: शादी मुबारक हो काव्या।
काव्या: कितनी देर से आई है। इनसे मिल ये मेरे हसबैंड हैं। और ये मेरी सबसे अच्छी सहेली शालिनी कनाडा से आई है।
शालिनी: वो सागर था न।
काव्या: हाँ वो सागर था उसकी फ्लाईट थी। वह अब बंगलौर शिफ्ट हो गया है।
शालिनी: क्या? कैसे मतलब कब?
काव्या: कुछ देर रुक जा मैं अभी यहां से फ्री होकर तुझे सब बताती हूॅं।
पीछे मेहमानों की लाईन थी। इसलिये शालिनी स्टेज से नीचे उतर आई।
शालिनी: पापा मम्मी कहां है?
हिम्मतलाल जी: बेटी वो खाना खा रही है। मैंने अभी शुगर की गोली ली है कुछ देर बाद खाना खाउंगा। तू बैठ।
शालिनी: पापा आपसे एक बात पूछनी थी। मम्मी को मत बताना। अभी कुछ देर पहले मैंने सागर को यहां देखा। काव्या बता रही थी वह अब बंगलौर रहता है।
हिम्मतलाल जी: बेटी मैं तेरे से बात करना चाह रहा था, लेकिन तेरी मम्मी ने मना कर दिया। अपनी मम्मी को मत बताना कि यह सब मैंने तुझे बताया है।
शालिनी: पापा प्लीज जो कुछ भी है मुझे बताईये क्या हुआ?
हिम्मतलाल जी: बेटी सागर के साथ बहुत बुरा हुआ। तूने जो उसे दो दिन का समय दिया था और तू गुस्सा होकर चली गई। वह उस समय हॉस्पिटल में था। उसके पापा की अचानक तबियत खराब हो गई थी। जिस दिन तेरी फ्लाईट थी उस दिन उसके पापा खत्म हो गये थे। उस बेचारों को होश ही नहीं था।
शालिनी की आंखों से आंसू गिर रहे थे। शादी के माहौल में उसने किसी तरह अपने आप को संभाला।
शालिनी: क्या? आपने मुझे कुछ बताया क्यों नहीं?
हिम्मतलाल जी: बेटी वो अपने पिता की तेरहवी का कार्ड देने दस दिन बाद आया था। लेकिन तेरी मम्मी ने उसे बेज्जत करके भगा दिया उसके सामने ही कार्ड फाड़ दिया और कहा फिर कभी यहां मत आना शालिनी कनाडा चली गई है।
उसने तुझे कई फोन भी किये लेकिन तेरा फोन नहीं लगा। उसके बाद एक दिन वह मुझे बाजार में मिला। उसने कहा वह अपनी मम्मी को लेकर बंगलौर जा रहा है। यहां अब उसका मन नहीं लगता उसे वहां एक अच्छी जॉब मिल गई है।
शालिनी: पापा मुझसे कंट्रोल नहीं हो पा रहा आप प्लीज घर चलिये।
हिम्मतलाल जी, सुशीला को बुला लाये और शालिनी को लेकर घर आ गये।
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