डॉक्टर चिड़िया | Bird Moral Hindi Story

Bird Moral Hindi Story : चुनमुन चिड़िया अपनी मॉं मोनी चिड़िया के साथ रहती थी। एक दिन मोनी चिड़िया बीमार पड़ गई।

मोनी: चुनमुन बेटी मेरी तबियत ठीक नहीं रहती लगता मैं बहुत दिनों तक जिन्दा नहीं रह पाउंगी तू मेरे मरने के बाद अपने मामा कालू कौए के पास चली जाना।

चुनमुन: ऐसा मत कहो मॉं तुम ठीक हो जाओंगी काश यहां कोई अच्छा डॉक्टर होता तो तुम्हें ठीक कर देता।

मोनी: बेटी इस पूरे जंगल में कोई डॉक्टर नहीं है।

चुनमुन: तुम चिन्ता मत करो मॉं मैं एक दिन डॉक्टर बनकर इस जंगल में सबका इलाज करूंगी।

कुछ दिन बाद मोनी चिड़िया मर जाती है।

चुनमुन चिड़िया अपने मामा के पास चली जाती है।

कालू: यह तो बहुत बुरा हुआ बेटी कोई बात नहीं इसे अपना ही घर समझ और आज से तू यहीं रहेगी।

चुनमुन: मामा मैं डॉक्टर बनना चाहती हूं।

कालू: लेकिन उसमें तो बहुत खर्चा लगता है मैं इतने पैसे कहां से लाउंगा।

चुनमुन: तुम चिन्ता मत करो मामा मैं दिन में काम किया करूंगी और रात को पढ़ाई करके एक दिन डॉक्टर जरूर बनूंगी मैंने अपनी मॉं से वादा किया था।

तभी कालू कौए की बीबी टुनटुन चिड़िया आ जाती है।

टुनटुन: सुनो जी हमने कोई अनाथ आश्रम नहीं खोल रखा है हम इसे नहीं रखेंगे यह मेरा आखिरी फैसला है।

कालू: लेकिन हमारे सिवा इसका कोई नहीं है। यह कहां जायेगी।

टुनटुन: मुझे कुछ नहीं पता आज इसे रहने दो कल से अपना इंतजाम कहीं और करेगी।

चुनमुन चिड़िया को अपनी मामी की बात बहुत बुरी लगती है वह रात में ही घर छोड़ कर चली जाती है।

उड़ते उड़ते सुबह हो जाती है तभी उसे एक नदी दिखाई देती है। वह पानी पीने के लिए नदी के किनारे पर उतर जाती है और पानी पीने लगती है।

तभी वहां एक कबूतर आ जाता है।

टोनी कबूतर: बेटी तुम कौन हो और यहां अकेली क्या कर रही हों।

चुनमुन: मैं यहां नई नई आई हूं और पानी पीने के लिए रुक गई थी।

टोनी: बेटी इस नदी में एक मगर मच्छ है तो पानी पीने वालों को खा जाता है। जल्दि से पानी पियो और किसी पेड़ पर जाकर बैठ जाओ।

चुनमुन और टोनी कबूतर पानी पीकर एक पेड़ पर बैठ जाते हैं।

टोनी कबूतर के पूछने पर चुनमुन उसे सारी बात बता देती है।

टोनी कबूतर: बेटी यह तो बहुत अच्छी बात है तू चिन्ता मत कर मैं तुझे पढ़ाउंगा। तू डॉक्टर जरूर बनेगी।

टोनी कबूतर चुनमुन चिड़िया को अपनी बेटी बना कर अपने घर ले जाता है।

कुछ सालों के बाद चुनमुन चिड़िया डॉक्टर बन जाती है।

एक दिन चुनमुन चिड़िया एक चिड़िया को दवाई दे रही थी। तभी उसने किसी के रोने की आवाज सुनी।

चुनमुन चिड़िया ने पलट कर देख तो उसके मामा कालू कौआ खड़े रो रहे थे।

चुनमुन: मामा जी आप यहां मुझे बहुत खुशी हुई आपको देख कर लेकिन आप रो क्यों रहे हैं।

कालू: बेटी मेरी पत्नि ने तुझे घर से निकाल दिया तब से मुझे तेरी चिन्ता सता रही थी आज तुझे डॉक्टर के रूप में देख कर मेरे मन को बहुत सुकुन मिला इसलिए मेरी आंखे गीली हो गई।

चुनमुन: मामा जो होता है अच्छे के लिए होता है अगर उस दिन मामी मुझे घर से न निकालती तो मुझे पिता समान टोनी कबूतर नहीं मिलते जिन्होंने पढ़ा लिखा कर मुझे डॉक्टर बना दिया आज मेरी मॉं का सपना पूरा हो गया।

कालू: सही कह रही है बेटा लेकिन तेरी मामी बहुत बीमार है लगता है वह अब नहीं बचेगी। अगर तू उसका इलाज करे तो तेरी बहुत मेहरबानी होगी।

चुनमुन: मामा यह भी कोई पूछने की बात है चलो मुझे मामी के पास ले चलो।

कालू चुनमुन को लेकर अपने घर पहुंच जाता है।

टुनटुन: बेटी मुझे माफ कर दे तेरी तो पूरे जंगल में तारीफ होती है। मुझे अपने कर्मो की सजा मिल गई है ऐसी बीमारी लगी है कि मैं अब बच नहीं पाउंगी।

चुनमुन: तुम चिन्ता मत करो मामी मैं तुम्हें कुछ नहीं होने दूंगी। ये लो दवाई एक महीने दवाई खाना और आराम करना मैं फिर आकर तुम्हें देख जाउंगी।

टुनटुन: बेटी मैंने तुझे घर से निकाल दिया फिर भी तू मेरा इलाज कर रही है।

चुनमुन: मामी अगर आप उस दिन मुझे घर से न निकालती तो शायद मैं डॉक्टर नहीं बन पाती।

टुनटुन: तू अब यही रह मेरी बेटी बन कर

चुनमुन: मामी मैं अब आपकी नहीं पूरे जंगल की बेटी हूं यह पूरा जंगल मेरा घर है मेरे घर पर बहुत से बीमार आते हैं और उनका इलाज करके मुझे बहुत खुशी मिलती है।

यह कहकर चुनमुन अपने घर के लिए चल देती है।

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