जादुई किताब की चोरी | Dream Story in Hindi

Dream Story in Hindi
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Dream Story in Hindi : एक शहर में कालू नाम का एक चोर रात के समय चोरी करता था। चोरी करते समय कालू बहुत होशियारी से काम लेता था। घर में उसकी पत्नी कोमल और एक पांच साल का बेटा था।

एक दिन वह एक घर में चोरी कर रहा था तभी उसने देखा एक कमरे में एक बॉक्स रखा है। चोर झट से उस कमरे में पहुंच जाता है।

कमरे के अन्दर जाकर वह बॉक्स को गौर से देखता है। पुराना सा जंग लगा हुआ बॉक्स था, चोर सोचता है इसमें क्या होगा कबाड़ा ही होगा कहीं इसे खोलने के चक्कर में घर वाले जाग गये तो बहुत मार पड़ेगी।

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कालू वापस चल देता है, लेकिन जैसे ही दरवाजे के पास पहुंचता है उसके मन में फिर से लालच जाग जाता है। वह दौड़ कर बक्से के पास जाता है। तभी उसकी नजर उस पर लटक रहे भारी भरकम पुराने ताले पर पड़ जाती है।

कालू: अगर इस ताले को तोड़ने की कोशिश की तो घरवाले जाग जायेंगे। एक काम करता हूं इस बॉक्स को अपने साथ ले चलता हूं।

यह सोचकर कालू बॉक्स को अपने साथ लेकर घर की ओर चल देता है। घर पहुंच कर कालू बाकी चोरी का माल एक ओर रख कर सबसे पहले बॉक्स को खोलने लगता है।

बहुत देर मेहनत करने के बाद जब बॉक्स खुलता है तो उसमें एक बड़ी सी किताब निकालती है। उसे देख कर कालू अपना माथा पीट लेता है।

कालू: हे भगवान इस रद्दी सी किताब के लिये इतनी मेहनत करवा दी। इसे तो कोई कबाड़ी भी नहीं लेगा।

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कालू किताब को निकाल कर फेंकने लगता है। वह सोचता है चलो सन्दूक और ताले को कबाड़ी को बेच देता हूं।

तभी वह देखता है किताब पर लिखा था। ‘‘किस्मत बदलनी है तो पढ़ो’’ यह देख कर कालू रुक जाता है। और किताब पढ़ने बैठ जाता है।

किताब के पहले पेज पर लिखा था।

तेरी तीन इच्छा पूरी कर दूंगी लेकिन बदले में हर इच्छा की कीमत चुकानी होगी।

कालू अगला पेज पलटता है।

उस पर लिखा था –

इस किताब को जहां से लाया है वहीं रख आ नहीं तो बर्बाद हो जायेगा।

ठीक उसके सामने पेज पर लिखा था।

‘‘अपनी पहली इच्छा बता लेकिन कीमत चुकाने के लिये तैयार रहना।’’

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कालू पेज पलटता है। उस पर लिखा था –

1. धन चाहिये

2. स्त्री चाहिये

3. अमर होना चाहता है।

कालू सोचता है पैसा तो कितना भी कमा लूंगा लेकिन अमर हो जाउं।

वह अमर होने पर उंगली रखता है। फिर वह अगला पेज पलटता है।

उस पर लिखा था – ‘‘तेरी इच्छा पूरी हो गई तू अमर हो गया।

दूसरी इच्छा के लिये पेज पलट –

1. धन चाहिये

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2. राज पाठ चाहिये

3. सुन्दर स्त्री चाहिये

कालू धन मांग लेता है। वह धन पर उंगली रख देता है।

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फिर अगला पेज पलटता है। उस पर लिखा था –

‘‘तेरा घर धन दौलत से भर जायेगा।’’

कालू बहुत खुश होता है फिर वह तीसरा पेज पलटता है। उस पर लिखा था –

1. राज पाठ चाहिये

2. सुन्दर स्त्री चाहिये

3. तीनो इच्छा से पीछा छुड़ाना चाहता है।

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कालू इस बार राज पाठ पर उंगली रख देता है। फिर वह अगला पेज पलटता है। उस पर लिखा था –

‘‘तुझे कल राज गद्दी मिल जायेगी।’’

अब कीमत चुकाने की बारी है पेज पलट

कीमत चुकाने के लिये अगला पेज पलट कालू जैसे ही अगला पेज पलटता है। उस पर लिखा था –

‘‘मुझे तेरा बेटा चाहिये’’

यह पढ़ कर कालू रोने लगता है।

कालू: हे भगवान जब बेटा ही नहीं रहेगा तो अमर रहकर क्या करूंगा।

वह जल्दी से दूसरा पेज पलटता है उस पर लिखा था –

‘‘तेरी पत्नी चाहिये।’’

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यह पढ़ कर कालू पागल सा हो जाता है। जब पत्नी और बेटा नहीं रहेंगे तो मैं अकेला क्या करूंगा।

वह रोते हुए तीसरा पेज पलटता है। उस पर लिखा था –

‘‘तेरे हाथ पैरों की शक्ति चाहिये’’

यह पढ़ कर वह देखता है उसके हाथ पैर उठ नहीं रहे।

कालू की आंखों से आंसू बह रहे थे।

जब पत्नी, बेटा और शरीर ही साथ नहीं रहेगा तो जीवत रहकर इस धन और राज सत्ता का क्या करूंगा।

वह जोर जोर से चिल्लाने लगता है –

‘‘मुझे कुछ नहीं चाहिये, मुझे कुछ नहीं चाहिये।’’

तभी उसकी पत्नी उसे नींद से जगाती है।

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पत्नी: क्या हो गया आपको ठीक तो हो।

कालू: वो बक्सा और किताब कहां है? उसे फेंक दे।

पत्नी: कौन सा बक्सा कौन सी किताब कल तो तुम चोरी करने गये ही नहीं। रात भर सोते रहे। मैंने पहले भी कई बार गलत काम करने से मना किया है लेकिन आपको तो चोरी के अलावा कुछ सूझता ही नहीं है।

कालू: मैं अब कभी चोरी करने नहीं जाउंगा। मेहनत से पैसा कमाउंगा। नहीं तो तुम दोंनो को कोई छीन लेगा।

अगले दिन से कालू रिक्शा किराये पर चलाने लगा। उसकी पत्नी और बेटा बहुत खुश हुए।

Image Source : playground

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