प्रिया और जादुई चिड़िया | Little Girl and The Bird

Little Girl and The Bird

Little Girl and The Bird : प्रिया एक बहुत सुन्दर सी बच्ची थी। वह अपने माता पिता के साथ पहाड़ों में रहती थी। प्रिया के पिता भेड़ बकरियों को चराने के लिये ले जाते थे।

शाम तक वे उन्हें वापस लाते थे। इसके बदले में गांव वाले उन्हें कुछ पैसे देते थे। जिससे उनकी गुजर बसर हो जाती थी।

एक दिन प्रिया ने अपने पिता से जिद की कि वह भी पहाड़ पर चलेगी। उसके पिता ने प्रिया की बात मान ली लेकिन उससे कहा – ‘‘बेटी मैं तुझे ले तो जाउंगा लेकिन तुझे मुझसे वादा करना होगा कि तू अकेली इधर उधर नहीं जायेगी।’’

प्रिया मान जाती है। प्रिया के पिता उसे गोद में उठा कर दूसरे हाथ में लाठी लेकर भेड़ों के साथ पहाड़ों पर चढ़ने लगते हैं। पहाड़ पर पहुंच कर वे थक जाते हैं। पहाड़ों के पीछे एक बड़ा सा हरी घर का मैदान था। सारी भेड़ें वहीं घास खा रहीं थीं।

प्रिया को उसके पिता ने कहा – ‘‘बेटी यहीं मैदान में तुम भी खेल लो। कहीं दूर मत जाना मैं कुछ देर आराम कर लूं।’’

प्रिया ने देखा वहां पर बहुत से फूलों के पौधे थे, जिन्में सुन्दर सुन्दर फूल लगे थे। प्रिया वहां से फूल तोड़ने लगी। तभी उसे कुछ आवाज सुनाई दी – ‘‘हमें बचा लो, हमें बचा लो।’’

यह आवाज सुनकर प्रिया डर गई। वह दौड़ कर अपने पिता के पास जाने लगी। लेकिन उस आवाज में इतना दर्द था। कि वह उस दिशा में चल दी जहां से आवाज आ रही थी। वहीं पास ही में प्रिया ने देखा एक छोटी सी सफेद कपड़े की पोटली पड़ी थी। वह पोटली के पास गई तो पोटली हिलने लगी।

उसमें से आवाज आ रही थी – ‘‘हमें आजाद कर दो हमें बचा लो।’’

प्रिया ने डरते-डरते पोटली खोली। पोटली अभी पूरी खुली भी नहीं थी कि उसमें से तीन-चार रंग बिरंगी चिड़िया उड़ कर बाहर आ गईं।

प्रिया डर गई। लेकिन उनमें से एक चिड़िया ने प्रिया के सामने आकर कहा – ‘‘डरो नहीं हमें तुम्हें नुकसान नहीं पहुंचायेंगी।’’

चिड़िया को इंसान की आवाज में बोलते देख कर प्रिया ने डरते हुए कहा – ‘‘तुम सब हमारी आवाज में कैसे बात कर रहीं हो?’’

एक नीली चिड़िया ने कहा – ‘‘हम दूर देश की राजकुमारियां थीं एक जादूगर ने हमें यहां कैद कर रखा था। हमारे पिता से उसने हमें छोड़ने के बदले राज्य मांग लिया। राज्य लेने के बाद भी उसने हमें नहीं छोड़ा’’

प्रिया ने पूछा – ‘‘लेकिन अब क्या होगा? तुम वापस अपने असली रूप में कैसे आओंगी?’’

यह सुनकर एक चिड़िया ने बताया – ‘‘इस पोटली को अगर तुम तोड़ दो तो जादूगर का जादू खत्म हो जायेगा और हम असली रूप में आ जायेंगे। जादूगर का जादू खत्म होते ही हमारे पिता भी आजाद हो जायेंगे। फिर वो जादूगर को कैद कर लेंगे।’’

प्रिया बोली – ‘‘बस इतनी सी बात।’’ यह कहकर प्रिया उस पोटली को उठा कर जोर से जमीन में मारती है। पोटली मिट्टी की थी। वह टूट जाती है। पोटली के टूटते ही चारों राजकुमारियां अपने असली रूप में आ जाती हैं।

एक राजकुमारी अपना सुन्दर सा मुकुट प्रिया को देती है। एक राजकुमारी प्रिया को अपने कपड़े देती है और उसके कपड़े खुद पहन लेती है। उसके बाद वे चारों राजकुमारियां वहां से चली जाती हैं।

प्रिया अपनी सुधबुध खोकर सब देखती रहती है।

कुछ देर में उसके पिता प्रिया के पास आते हैं। वे देखते हैं कि प्रिया बहुत सुन्दर कपड़े पहने और सोने का मुकुट लगाये बैठी है। तो वो उससे पूछते हैं कि ये सब कहां से आया, तब प्रिया उन्हें सारी बात बता देती है।

यह सुनकर प्रिया के पिता बहुत खुश होते हैं। कि उनकी बेटी ने बहुत नेक काम किया है।

शाम को दोंनो घर आ जाते हैं।

इस घटना के कुछ दिन बाद राजा के सिपाही उनके घर आते हैं। प्रिया के माता पिता और प्रिया को साथ ले जाते हैं।

राजा के दरबार में उनका बहुत मान सम्मान होता है। राजा उन्हें अपने राजमहल में रख लेते हैं। प्रिया अब पूरा दिन उन राजकुमारियों के साथ खेलती रहती थी।

लेकिन कुछ दिन बाद प्रिया बहुत उदास रहने लगी। उसका कहीं भी मन नहीं लगता था।

एक दिन राजा ने प्रिया के पिता को बुला कर इसका राज पूछा तो उन्होंने कहा -‘‘राजा जी आपका महल बहुत सुन्दर है। लेकिन हम लोग पहाड़ पर रहने वाले हैं। हमें यहा घुटन महसूस हो रही है। वहां टूटे घर में भी बहुत शांती थी। प्रिया भी पहाड़ों को याद करके उदास हो गई है।’’

राजा उनकी बात समझ जाता है। वह अपने आदमियों को भेज कर प्रिया के मकान की जगह सुन्दर सा मकान बनवा देता है।

उसके बाद राजा बहुत सारे उपहारों के साथ उन तीनों को विदा करता है।

प्रिया अपने घर पहुंच कर बहुत खुश हो जाती है।

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