सजा दो घर को गुलशन सा, अवध में राम आए हैं | Saja Do Ghar Ko Gulshan Sa Avadh me Ram aaye hai | Ram Bhajan New Lyrics

Sajado Ghar Ko Gulshan Sa

सजा दो घर को गुलशन सा,
अवध में राम आए हैं,

अवध मे राम आए है,
मेरे सरकार आए हैं,

लगे कुटिया भी दुल्हन सी,
अवध मे राम आए हैं,

सजा दो घर को गुलशन सा,
अवध मे राम आएं हैं ।

पखारों इनके चरणों को,
बहा कर प्रेम की गंगा,

बिछा दो अपनी पलकों को,
अवध मे राम आए हैं,

सजा दो घर को गुलशन सा,
अवध मे राम आए हैं ।

तेरी आहट से है वाकिफ़,
नहीं चेहरे की है दरकार,

बिना देखेँ ही कह देंगे,
लो आ गए है मेरे सरकार,

लो आ गए है मेरे सरकार,
दुआओं का हुआ है असर,

दुआओं का हुआ है असर,
अवध मे राम आए हैं,

सजा दो घर को गुलशन सा,
अवध मे राम आए हैं ।

सजा दो घर को गुलशन सा,
अवध में राम आए हैं,

अवध मे राम आए है,
मेरे सरकार आए हैं,

लगे कुटिया भी दुल्हन सी,
अवध मे राम आए हैं,

सजा दो घर को गुलशन सा,
अवध मे राम आएं हैं ।

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