मॉडर्न बहु | Saas Bahu New Story

Saas Bahu Story in Hindi

Saas Bahu New Story : काजल अभी ऑफिस से निकल ही रही थी। तभी घर से फोन आ गया।

ममता जी: बहु कहां हो? घर आओ तो थोड़ा सा पनीर लेती आना।

काजल: लेकिन मम्मी जी मेरे रास्ते में कोई ग्रोसरी स्टोर नहीं है। मैं कैसे लाउंगी। आप अनिकेत से मंगा लीजिये।

ममता जी: बस मेरा बेटा ही सारा काम करता रहे। वो घर से काम करता है इसलिये उसकी कोई वेल्यू नहीं है। जरा सा काम बता दिया तो नखरे हो गये।

काजल: मम्मी जी मैं ले आउंगी पनीर, और भी कुछ लाना है क्या?

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ममता जी: नहीं बाकी मैं देख लूंगी।

फोन रख कर ममता जी सीधे अनिकेत के बेडरूम में पहुंच जाती हैं।

ममता जी: मैंने पहले ही कहा था कि नौकरी वाली लड़की नहीं चाहिये। लेकिन तूने एक नहीं मानी। अब जरा सा काम बोलो तो छूटते ही कह देती है अनिकेत से मंगा लो। हम कभी अपनी सास के सामने जबान नहीं खोलते थे।

अनिकेत: मम्मी क्या लाना है मैं ला देता हूं।

ममता जी: नहीं तू कुछ नहीं करेगा। वो ही लायेगी। अगर नहीं संभाल सकती तो छोड़ दे नौकरी।

इतना सुना कर ममता जी तेजी से मुड़ कर किचन की ओर चल देती हैं

काजल पनीर लेकर घर पहुंचती है तो देखती है ममता जी अपने बेडरूम में हैं। वह जल्दी से बेडरूम में जाकर उन्हें पनीर देती है।

ममता जी: मैं कब से तैयारी करके बैठी हूं। तेरे ससुर जी जल्दी खाना खा लेते हैं। अब पनीर आया है कब सब्जी बनेगी, हमें तो भूखा ही मार दो।

काजल की आंखों में आंसू भर आते हैं।

काजल: मांजी आप बैठ्यिे मैं अभी पांच मिनट में खाना बना देती हूं।

काजल जल्दी से किचन में पहुंच जाती है। हाथ धोकर खाना तैयार करने लगती है।

सबको खाना खिला कर देर तक सारा काम निबटाने के बाद वह अपने बेडरूम में पहुंचती है।

थक कर चूर होने के कारण कपड़े बदल कर सोने की तैयारी करने लगती है।

अनिकेत: काजल मैं जानता हूं, सब कुछ मैंनेज करना बहुत मुश्किल होता जा रहा है तुम्हारे लिये। तुम चाहों तो नौकरी छोड़ सकती हो।

काजल: अनिकेत ये मेरे केरियर का सवाल है, घर बैठ कर करूंगी क्या? मैंने शादी से पहले ही आपको बता दिया था। कि मैं नौकरी करूंगी।

अनिकेत: मैं मना नहीं कर रहा हूं लेकिन इतना वर्कलोड फिर घर का काम, तुम्हारी सेहत भी तो ठीक रहनी चाहिये।

काजल: मम्मी जी को भी तो यह सब समझना चाहिये। एक मेड तक नहीं रखने देती। सारा काम बहु से ही करवाना है। जब हम कमा रहे हैं तो एक मेड तो अर्फोड कर सकते हैं।

अनिकेत: चलो मैं एक बार फिर बात करता हूं मम्मी से।

काजल: कोई फायदा नहीं है। वो सोचेंगी कि एक काम की बहु से कह दी तो उसने बेटे को भड़का दिया। मुझे सोने दो सुबह ऑफिस जाना है।

काजल और अनिकेत की शादी को चार साल हो चुके थे। इन चार सालों में काजल ने बहुत कोशिश की कि अपनी सास का मन जीत सके। लेकिन ममता जी को हर बात में कमी नजर आती थी।

अगले दिन काजल ऑफिस जाती है। वहां लंच में वह अपने डेस्क पर बैठ कर खाना खा रही थी। तभी स्वीटी उसके पास आती है।

स्वीटी: क्या बात है अकेले बैठ कर लंच कर रही है लगता है तेरी सास ने आज कुछ स्पेशल रखा है तेरे टिफिन में।

काजल: अपनी ऐसी किस्मत कहां। यहां तो खुद बनाना पड़ता है सुबह सबके लिये नाश्ता, फिर खाना, यही सब शाम को।

स्वीटी: तुझे अपने सुसराल वालों से बात करनी चाहिये। या तो मेड रखें या तुझे काम करने में हेल्प करें।

काजल: कई बार कोशिश कर चुकी हूं। कोई फायदा नहीं है।

स्वीटी: तेरे पति को भी कुछ दिखाई नहीं देता।

काजल: वो अपनी मम्मी के सामने कुछ नहीं बोल पाते हैं। कभी कभी ऐसा लगता है कहीं भाग जाउं सब छोड़ कर।

तभी उसे कॉल आती है। बॉस ने केबिन में बुलाया था।

बॉस: काजल तुम जिस प्रोजेक्ट पर काम कर रहीं थी उसमें कुछ प्रोब्लम आ रही हैं। तुम्हें उसे ठीक करने के लिये एक वीक के लिये बंगलौर जाना पड़ेगा।

काजल: लेकिन सर मैं कैसे जा सकती हूं?

बॉस: तुम चाहो तो किसी को अपनी हेल्प के लिये ले जा सकती हों जिसे भी चाहो। लेकिन प्रोजेक्ट कंपनी के लिये बहुत जरूरी है। हम रिस्क नहीं ले सकते वहीं जाकर सब ठीक करना होगा। ऑनलाईन सर्पोट से काम नहीं चल रहा। क्लाइंट ने बोला है नहीं तो प्रोजेक्ट केंसिल हो जायेगा।

काजल: ठीक है सर कब जाना है। मैं अपने साथ स्वीटी को ले जाना चाहती हूं। उसने भी इस प्रोजेक्ट पर काफी काम किया है।

काजल शाम को घर आकर अनिकेत को सब बताती है।

अनिकेत: ठीक है कोई बात नहीं बस एक बार मम्मी को बता देना।

काजल ममता जी को बताने उनके कमरे में जाती है।

ममता जी: ये क्या कह रही हों बहु तुम्हें हमने नौकरी करने की परमीशन दे रखी है इसका मतलब ये नहीं कि अकेले सैर सपाटा करने चली जाओ। यह सब नहीं चलेगा। मना कर दो या जॉब छोड़ दो।

काजल: लेकिन मम्मी जी बहुत जरूरी प्रोजेक्ट है।

ममता जी: हमने भी दुनिया देखी है यह सब बहाने बाजी हम अच्छे से जानते हैं।

काजल: मम्मी जी मैं कोई बहाना नहीं बना रही हूं। आप जो समझो लेकिन मुझे जाना पड़ेगा।

काजल यह कहकर वापस अपने बेडरूम में आ गई।

ममता जी पीछे पीछे आकर अनिकेत को डाटने लगी।

ममता जी: बेटा हमें वृद्धा आश्रम भेज दे। जब बड़ों की कोई इज्जत ही नहीं है तो क्या फायदा यहां रहने का। फिर तुम दोंनो सैर सपाटा करते रहना।

अनिकेत: मम्मी वो सैर सपाटा करने नहीं जा रही है जरूरी काम है, मैं समझता हूं मुझे भी कभी कभी जाना पड़ता है।

ममता जी: तेरी बात अलग है। बहु ऐसे नहीं जा सकती तू सोच ले। अगर तुम्हें अपनी मनमानी चलानी है तो हमें वृद्धा आश्रम छोड़ आ।

काजल की आंखों से आंसू बह रहे थे।

तभी दरवाजे पर डोर बेल बजी। अनिकेत ने जाकर दरवाजा खोला।

अपनी बहन सुधा को देख कर अनिकेत चौंक गया।

अनिकेत: क्या हुआ सुधा तू रो क्यों रही है, और इस वक्त सब ठीक तो है।

सुधा अनिकेत के गले लग कर रोने लगी।

ममता जी: बेटी क्या हुआ तू इस वक्त कैसे आ गई वो भी अकेली।

सुधा मां से लिपट कर रो रही थी। बहुत देर तक बेटी को चुप कराने के बाद।

सुधा: मम्मी वो पूरी फैमली के साथ कनाडा शिफ्ट हो रहे हैं। मुझे यहां छोड़ गये। क्योंकि मैं उनकी फैमली में फिट नहीं हो पाती हूं। उन्हें मॉडर्न अंग्रेजी बोलने वाली, जॉब वाली बहु चाहिये थी। अब वो वहां दूसरी शादी करेंगे।

ममता जी: हे भगवान अब तेरा क्या होगा। कैसे लोग हैं घर की लक्ष्मी को छोड़ कर पैसों के पीछे भाग रहे हैं।

तभी ममता जी के पति सुधांसू जी ने कहा –

सुधांसू जी: वाह ममता एक तरफ बेटी के नौकरी न करने का अफसोस और दूसरी ओर बहु के नौकरी करने का अफसोस। दोंनो बातें सही लगती हैं। अपनी बेटी के लिये कुछ ओर और बहु के लिये कुछ ओर।

ममता जी की आंखों से आंसू बह रहे थे।

ममता जी: काजल मुझे माफ कर दे। बेटा तू सही थी। अपनी बेटी पर बीती तो मुझे पता लगा।

काजल: आप चिंता न करें मम्मी जी। मैं बंगलौर से आकर दीदी की जॉब के लिये कोशिश करूंगी। साथ ही हम केस भी दर्ज करायेंगे।

ममता जी सोच रहीं थी – जैसी भी है बहु सबको निभा तो रही है। साथ ही नौकरी और घर दोंनो मैनेज कर रही है।

काजल सोच रही थी – सुसराल जैसा भी है लेकिन सब साथ तो हैं। थोड़ा एडजेस्ट करने में क्या बुराई है।

Image Source : Playground

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