गरीब बहन के घर आयी अमीर बहन | Poor and Rich Sister Story

Poor and Rich Sister Story
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Poor and Rich Sister Story : रुद्रपुर शहर में निर्मला और रमा अपनी मॉं लता देवी के साथ रहती थी।  बचपन से  ही रमा बहुत सुन्दर थी वही दूसरी और निर्मला का रंग थोड़ा सावला था।

इसी तरह समय बीत रहा था। और रमा और निर्मला अब बड़ी हो गयी थी । रमा सुन्दर थी इसीलिए मोहित को रमा पसंद आ गयी और उसकी शादी एक बड़े परिवार में हो गयी। वही दूसरी और निर्मला की शादी एक मजदूर से हो गयी।

निर्मला का भी मन था की उसकी शादी भी एक बड़े परिवार में हो लेकिन टूटी हुई झोपड़ी में ही उसे अब अपना सारा जीवन बिताना था। शायद वह ईश्वर से यही सब लिखवा के लायी थी।

वही दूसरी और रमा का स्वागत बहुत ठाट बाट से हुआ। उसकी सास और नन्दो ने उसे ढेर सारे गिफ्ट दिए।

एक दिन की बात है निर्मला बाजार जा रही होती है तभी रमा एक ज्वैलरी शॉप से बहार निकलती है उसके हाट में बहुत सारे ज्वेलरी बॉक्स थे। निर्मला रमा को देख कर बहुत खुश होती है।

रमा – दीदी आप कहा जा रहे हो।

निर्मला – बस यहां  बाजार में सब्ज़ी लेने आयी थी।

रमा – दीदी मेरे यहां तो बहुत सारे नौकर है सफाई के लिए अलग, खाना बनाने के लिए अलग, कपडे़ धोने के लिए अलग, और दो तो माली है। सब काम नौकर ही करते हैं

निर्मला – अच्छा बढ़िया है

रमा – दीदी तीन दिन बाद हमारी वन मंथ एनीवरसरी है। बहुत बड़ी पार्टी है। आप मुझे अपने घर का एड्रेस देदो मै कार्ड देने आउंगी। इसी बहाने आपका घर भी देख लूंगी

निर्मला रमा को अपने घर का पता बता देती है

दो दिन बाद रमा स्टाइलिश कपडे पहने गोगल्स लगाए लम्बी हील पहने निर्मला के घर पहुंचती है।

निर्मला – अरे बहन तू तो बिलकुल पहचान में ही नहीं आ रही

वह निर्मला को अंदर बिठाती है

रमा – निर्मला तुम यहां कैसे रहती हो। तुम्हारी गली के नाले की स्मेल यहां तक आ रही है, तुम्हारे घर में कूलर तक नहीं है।

निर्मला – हा वो ये कह रहे थे की इस महीने जो तनख्वाह मिलेगी उससे कूलर ले आएंगे।

रमा – चलो ठीक है ये लो कार्ड।

रमा निर्मला को कार्ड, मिठाई और कुछ गिफ्टस देती है।

निर्मला – रमा तू दो मिनट रुख मै अभी आती हूं।

थोड़ी देर बाद निर्मला रमा के लिए पानी और एक प्लेट में थोड़ा सा गुड़ लेकर आती है

रमा – क्या हुआ दीदी आपको इतना पसीना क्यों आ रहा है।

निर्मला – तेरे लिए गली के सरकारी नल से पानी लेने गयी थी इसीलिए गर्मी के कारण थोड़ा पसीना आ रहा है। तू ले ये पानी पी।

रमा – आपका दिमाग तो खराब नहीं मै ये गली का सरकारी पानी पियूंगी। मैं मिनरल वॉटर पीती हूं। यह सड़क का पानी आप ही पियो 

यह कह कर रमा उठ कर चली जाती है।

निर्मला को यह बात बहुत बुरी लगती है उसकी आंखों में आंसू आ जाते है।

सब कुछ भूलकर तीन दिन बाद निर्मला रमा के घर जाती हैं

औरत – बहन जी ये कौन है। इन नोकरो को यहां क्यों बुला लिया।

रमा की सास – अरे ये रमा की बहन है। पता नहीं इन भिखारियों को क्यों बुला लिया रमा ने बेज्जती करा दी सब मेहमानो के  सामने

निर्मला यह सब सुन रही थी।

तभी रमा निर्मला को देखती है।

रमा – अरे दीदी ये क्या पहन कर आ गयी। आपको इतनी भी तमीज नहीं है की इतनी बड़ी पार्टी में जा रही हूँ तो एक अच्छी साड़ी पहन कर चलु वही मैली कुचैली साड़ी पहन कर मेरे घर आ गयी। सच मे आज आपने मेरे ससुराल वालो के सामने बहुत बेज्जती करा दी।

अब ऐसा करो नीचे सरवेंट रूम में जाओ मै तुम्हारे लिए वही खाना भिजवा दूंगी।

अपनी बहन से इतना सब कुछ सुनकर रमा की आंखों में आंसू आ जाते है। और वह अपने घर आ जाती है और अपने पति को सारी  बात बता देती है।

सूरज – निर्मला वो बहुत बड़े लोग है तुम्हे उनके घर जाना ही नहीं चाहिए था। अच्छा चलो अब रोना बंद करो।

निर्मला – जी मै कई दिनों से सोच रही हूं क्यों न मैं भी कुछ काम करना शुरू कर दूं जिससे हमारी भी कमाई दोगुना हो जाये।

सूरज – ठीक है जैसा  तुम्हे ठीक लगे

अगले दिन से रमा जगह जगह जाकर काम ढूंढने लगती है

उसके एक दरजी की दूकान में काम मिल जाता है

और उनकी कमाई दो गुना हो जाती है सारे खर्चे निकाल के उसके पास 2000 हज़ार रुपए बच जाते है

 जिससे वह एक सिलाई मशीन लेकर लेडीज सूट सिलने लगती है

दिन में वह नौकरी करती और शाम को घर आकर सूट शीलती

10 सूट सिलने के बाद वह संडे को बाजार जाती है और कई दुकानों पर अपने सिले हुए लेडीज सूट दिखाती  है।

लेकिन कोई भी दूकानदार उनका सामान नहीं खरीदता। वह निराश होकर घर आ जाती है।

निर्मला – सुनिए जी आज एक भी दूकानदार ने मेरा सूट नहीं ख़रीदा। शायद हमारे नसीब में गरीब रहना ही लिखा है।

सूरज – तुम चिंता मत करो ऐसा करते है कल मै भी तुम्हारे साथ चलता हूं

अगले दिन भी रमा और सूरज मार्किट में घूमते रहते है।

तभी एक दुकानदार ने उन्हें बुलाया

आदमी – अरे बहन जी मेरा सूट का सप्लायर अपने गांव चला गया जिस वजह से मेरे ग्राहक वापस जा रहे है। आप के पास जितने भी सूट है मुझे देदो।

वह  दुकानदान उनसे सारे सूट खरीद लेता है और उन्हें 15 हज़ार रुपए दे देता है। यह देख कर दोनों बहुत खुश होते है।

और बाजार से और कपडा लेकर घर आ जाते है। और रमा सूट सिलने लगती है।

अगले दिन रमा दुबारा सूट लेकर उस दुकान पर जाती है।

दूकानदार – अरे बहन जी आपके सिले हुए सारे सूट आज दोपहर तक ही बिक गए। ग्राहकों को आपके सिले हुए सूट बहुत पसंद आ रहे है।

मै आपको 200 सूट का आर्डर देता हूं और ये लीजिये 1 लाख रुपए एडवांस

रमा घर आकर अपने पति को सब कुछ बताती है

अगले दिन रमा और मशीन लेकर आती है और गली की कुछ औरतो को काम पर भी रख लेती है और अपना  आर्डर पूरा करती है। जैसे ही वह  मार्किट में पहुंचती है उसके पास दुकारदारो की भीड़ लग जाती है

आदमी – बहन जी हमें भी आपसे  सूट सिलवाने है।

आदमी 2 – बहन जी मुझे भी

सबसे आर्डर लेकर वह पैसे गिनती है तो उसके होश उड़  जाते है सभी दुकानदार उसे 500 सूट का आर्डर देते है और 5 लाख रुपए एडवांस देते है।

जिससे वह और भी काम बड़ा लेती है।

1 साल बाद

रिपोर्टर – तो निर्मला जी आपने इतना बड़ा बिज़नेस कैसे खड़ा किया। आज आपकी कंपनी में 200 से ज्यादा लोग काम करते है। और आपकी कंपनी का र्टनओवर 100 करोड़ है  हमारी ऑड्यिंस को बताये की आपने  कैसे इतना बड़ा बिज़नेस शुरू किया

निर्मला – इसका पूरा श्रेय मेरी प्यारी छोटी बहन को जाता है। जिसने मेरी गरीबी का मजाक उड़ाया। और मुझे इस बात का एहसास दिलाया की पैसे के बिना कोई इज्जत नहीं करता  और उसकी ही वजह से मेरे मन में भी बहुत  सारे पैसे कमाने की इसका जागृत हुई

दूसरी और रमा टीवी पर यह सब देख कर रोने लगी।

आज निर्मला उससे कई गुना ज्यादा अमीर हो चुकी थी। लेकिन उसे अपनी अमीरी का जरा भी घमंड नहीं था।

 अगले दिन रमा निर्मला को फ़ोन करती है और उससे माफ़ी मांगती है और निर्मला उसे माफ़ कर देती है

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