नानी का घर | Kids Story in Hindi

Nani Ka Ghar Kids Story in Hindi
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Kids Story in Hindi :मॉं: अंशु जल्दी की नहीं तो देर हो जायेगी। हमें शाम से पहले पहुंचना है।

अंशु: बस मॉं एक मिनट में आ रहा हूँ।

अंशु आज बहुत खुश था, स्कूल की छुट्ट्यिॉं हो गईं थी और नानी के घर जाना था। उसने जल्दी जल्दी अपना सामान पैक किया और नीचे मॉं के पास पहुंच गया।

मॉं: बेटा जल्दी चल तेरे मामा लेने आयेंगे स्टेशन पर कहीं गाड़ी छूट न जाये।

अंशु मॉं के साथ स्टेशन की ओर चल दिया।

रास्ते भर अंशु बहुत खुश था। पूरे एक साल बाद नानी के घर जा रहा था।

रास्ते भर हरे भरे खेतों को देखते देखते कब स्टेशन आ गया पता ही नहीं चला।

ट्रेन से उतरे ही थे कि सामने मामा खड़़े थे।

अंशु: मामा जी नमस्ते

मामा: कैसे है मेरा शेर?

मामा ने मम्मी के पैर छुए और अपनी बाईक पर बिठा कर गॉव की ओर चल दिये।

गॉव पहुंच कर अंशु ने देखा नानी गली में ही उनका इंतजार कर रही थीं।

अंशु ने नानी के पैर छुए नानी ने उसे प्यार से गले लगा लिया। उसके बाद तीनों अंदर गये। मामा बाईक घुमा कर बाहर चले गये।

कुछ देर बाद मामा आये ढेर सारी कचोड़ी जलेबी लेकर नानी ने जल्दी से चाय बनाई और अंशु अपनी मॉं के साथ नाश्ता करने बैठ गया।

अगले दिन अंशु मामा के साथ खेतों पर गया। मामा खेत पर काम कर रहे थे। तभी अंशु ने देखा कुछ लोग शोर मचा रहे थे – मारो मारो -भागो भागो।

यह देख कर अंशु डर गया मामा भी खड़े होकर देखने लगे। अंशु डर के मारे मामा से चिपक गया।

मामा: डर मत बेटा लगता है गॉव में तेंदुआ घुस आया है। काफी दिन से एक तेंदुआ बहुत परेशान कर रहा है। गॉव वाले उसी को मारने भागे होंगे।

अंशु बुरी तरह डर गया था।

अंशु: मामा जल्दी से घर चलो।

मामा: अरे डर मत मैं हूॅं न।

अंशु: नहीं मामा मुझे अभी घर जाना है।

मामा अंशु को गोद में लेकर घर की ओर निकल पड़े।

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घर पहुंच कर अंशु मॉं से लिपट कर बहुत रोया।

मॉं: बेटा क्या हुआ?

अंशु: मॉं अपने घर चलो मुझे नहीं रहना यहॉं।

मॉं: क्या बात कर रहा है अभी तो आये हैं।

तब मामा ने मॉं को सारी बात बता दी।

मॉं: एक काम कर तू खेत पर मत जाया कर घर में ही रहा कर।

लेकिन अंशु जिद करके बैठ गया कि उसे यहां नहीं रहना है। घर ही जाना है।

नानी: मेरा राजा बेटा एक काम कर आज से तू मेरे साथ रह। मैं देखती हूॅं कौन सा तेंदुआ आता है मेरे अंशु के पास।

बहुत मुश्किल से अंशु घर में रहने को तैयार हुआ। लेकिन वह एक कोने में  बैठा रहता।

दो दिन बाद नानी ने कहीं बाहर गईं थीं, कुछ देर बाद नानी घर वापस आईं।

नानी: अंशु अब डर मत वह तेंदुआ पकड़ा गया उसे पिंजरे में बंद करके ले गये।

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यह सुनकर अंशु बहुत खुश हुआ।

अंशु: सच नानी आप सच कह रही हैं।

नानी: हॉं बेटा सरकारी लोग आये थे उसे पकड़ने उसे पकड़ कर ले गये। अब तू मजे से रह और घर जाने की बात मत करना।

अंशु बहुत खुश हुआ।

वह मजे से रहने लगा। पूरी छुट्ट्यिों में मजे से पूरे गॉव में खेलता रहा और मामा के संग खेत पर भी जाने लगा।

अब अंशु की छुट्ट्यिां खत्म होने वाली थीं। नानी के घर से चलने का समय आया तो नानी ने कहा –

नानी: बेटा तुझे एक बात बतानी थी। वो तेंदुआ अगले दिन पिंजरे से भाग गया और फिर से गॉव में आने लगा। लेकिन अगर तुझे बता देती तो तू यहां से चला जाता।

अंशु: नानी अगर वो मुझे खा जाता तो।

नानी: बेटा तू तो कुछ दिन के लिये यहां आया है। यहां के रहने वालों और उनके बच्चों के बारे में सोच वे तो कहीं भाग भी नहीं सकते। इसलिये जैसे हालात हों उनका डट कर मुकाबला करना चाहिये।

अंशु: नानी मैं अब कभी नहीं डरूंगा और हर छुट्टीयों में आपसे मिलने आउंगा।

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