True Inspirational Story : सुमन एक विधवा औरत थी। उसकी एक बेटी थी संजना। संजना के पापा की दो साल पहले ही मृत्यु हुई थी। उसके पिता ने अपनी इकलोती बेटी की पढ़ाई के लिये काफी कर्ज लिया था। अचानक उनके गुजर जाने से सुमन और संजना पर घर चलाने के साथ साथ कर्ज चुकाने का बोझ भी आ चुका था।
सुमन: बेटी अब क्या होगा हम कैसे कर्जा चुकायेंगे और कैसे अपना पेट पालेंगे।
संजना: मॉं तुम चिन्ता मत करो मैंने एम बी ए किया है मुझे किसी न किसी कंपनी में नौकरी मिल जायेगी फिर हम बैंक से लोन लेकर कर्जा चुका देंगे और बैंक की किस्ते भरते रहेंगे।
संजना दिन रात नौकरी ढूंढती रहती थी लेकिन उसे कहीं भी नौकरी नहीं मिली एक दिन संजना घर वापस आई तो सामने एक आदमी उसकी मॉं से लड़ रहा था। संजना को देखते ही वह घर से बाहर चला जाता है।
संजना: मॉं यह कौन था। और तुमसे क्या कह रहा था।
सुमन: बेटी इसी आदमी से तेरे पापा ने उधार लिया था। अब इसने धमकी दी है कि अगर हमने पैसे नहीं दिये तो यह मकान पर कब्जा कर लेगा।
संजना: मॉं तुम चिन्ता मत करो अब हम नौकरी के भरोस हाथ पर हाथ रख कर नहीं बैठ सकते वैसे भी मैंने बहुत कोशिश की लेकिन कहीं भी नौकरी नहीं मिली। इसलिये मैंने अपना बिजनिस करने की सोची है।
सुमन: लेकिन बेटी यहां खाने के लिये भी पैसे नहीं हैं और तू बिजनेस करने की बात कर रही है क्या करेंगे बिना पैसों के।
संजना: मॉं तुम चिन्ता मत करो सब हो जायेगा बस तुम हॉं कर दो।
सुमन: ठीक है जैसा तू ठीक समझे।
अगले दिन संजना दोपहर के समय एक हाथा ठेला लेकर घर पर आती है।
सुमन: अरे यह क्या है इसे यहां क्यों लाई है।
संजना: मॉं इसी ठेले से हम अपना बिजनेस शुरू करेंगे।
सुमन: लेकिन करेगी क्या।
संजना: मॉं तुम्हे तो पता है मुझे कुकिंग का कितना शौक है। साथ ही मैंने एम बी ए किया है इसलिये बिजनेस की समझ भी है। हम दोंनो मिल कर टिक्की और चाट का ठेला लगायेंगे मैंने एक दुकान वाले से बात की है वह पापा को अच्छे से जानता है वह हमें एक महीने के लिये सामान उधार दे देगा बाद में उसके पैसे चुका देंगे।
सुमन: मैंने और तेरे पापा ने तुझे इसी दिन के लिये पढ़ाया था कि तू बाजार में ठेली लगाये। समाज में हमारी नाक कट जायेगी। बंद कर यह सब और जाकर कोई छोटी मोटी नौकरी कर ले यह मैं तुझे नहीं करने दूंगी।
संजना: मॉं मेरी पढ़ाई बेकार नहीं जायेगी उसी पढ़ाई के दम पर मैं एक बिजनेस खड़ा करूंगी और औरों को नौकरी दूंगी बस तुम मेरी बात मान कर मुझे १ साल यह करने दो अगर यह नहीं चला तो मैं नौकरी कर लूंगी।
सुमन: नहीं यह सब मैं तुझे नहीं करने दूंगी। तू नौकरी कर नहीं तो मैं कहीं नौकरी ढूंढ लेती हूं।
संजना: मॉं एक बार मेरी बात मान लो मेरे पर विश्वास करो। आपको पापा की कसम।
सुमन: ठीक है लेकिन एक साल बाद इसे बंद करके तुझे नौकरी करनी पड़ेगी।
अगले दिन सुमन एक जगह ठेला लगा कर टिक्की बना कर बेचने लगती है सुमन भी उसके साथ काम में लग जाती है।
पहले दिन बहुत कम टिक्की बिकीं बाकी सारा सामन फेंकना पड़ा।
अगले दिन भी खास कमाई नहीं हुई।
सुमन: मैंने तो पहले ही कहा था। यह नहीं चलेगा।
संजना: मॉं देखती जाओ मैं क्या करती हूं।
अगले दिन संजना ने एक बैनर अपनी ठेली पर लगा दिया। जिस पर लिखा था। एम बी ए टिक्की वाली एक टिक्की के साथ एक फ्री।
सुमन: अरे इससे तो बहुत घाटा हो जायेगा।
संजना: नहीं मॉं यह बिजनेस का आईड्यिा है। पहले हम लोगों को एक के साथ एक फ्री देंगे बाद में यह स्कीम बंद कर देंगे लोगों की जुबान पर हमारा स्वाद चढ़ जायेगा वो अपने आप खिंचे चले आयेंगे। वैसे भी हम शाम को सब फैंक ही देते हैं।
इसी तरह कुछ दिन बीत जाते हैं। संजना की सारी टिक्की बिकने लगती हैं। फ्री वाली स्कीम बंद होने के बाद भी उसकी सारी टिक्की बिक जाती थीं।
एक दिन सुमन और संजना टिक्की बनाने में व्यस्त थीं तभी वहां वही आदमी आ जाता है।
आदमी: तुम यहां मजे से दुकान चला रही हों और मेरे पैसे देने का नाम नहीं है।
सुमन: आप नाराज न होईये हम धीरे धीरे पैसे इकट्ठे कर रहे हैं आपका कर्जा चुका देंगे कुछ समय दे दीजिये।
आदमी: अगर कल तक मेरे पैसे नहीं मिले तो ठेला फेंक दूंगा।
संजना: अंकल कल तक कहां से पैसे आयेंगे।
तभी वहां एक लड़का सामने आता है।
लड़का: क्या बात है मांजी यह आदमी क्यों आपको परेशान कर रहा है।
आदमी: अबे तुझे क्या मतलब चल भाग यहां से।
लड़का: मांजी बात क्या है।
सुमन उसे सारी बात बता देती है।
लड़का: सुन पहले तो बात करने की तमीज सीख और कल आकर अपने पैसे ले जाना इसके बाद अगर तू यहां नजर भी आया तो तुझे पुलिस के हवाले करवा दूंगा।
आदमी: मुझे अपने पैसे मतलब है कल पैसे तैयार रखियो नहीं तो तेरी भी खैर नहीं है।
उसके जाने के बाद सुमन उस लड़के से बोली
सुमन: बेटा कल कहां से पैसे आयेंगे।
लड़का: मांजी आप चिन्ता मत करो। मैं यह पैसे आपको दूंगा और इसके साथ ही आपके बिजनेस में भी पैसे लगाउंगा।
वह लड़का सुमन और संजना का सारा कर्जा चुका देता है।
उसके बाद वह संजना के बिजनेस में पैसा लगा कर पूरे शहर में टिक्की की छोटी छोटी दुकाने शुरू करवा देता है।
कुछ ही दिनों में उनको काफी प्रोफिट होने लगता है।
सुमन उस लड़के से बात करके संजना की शादी उससे कर देती है।
Image Source : Playground
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