शिवरात्रि – एक भक्त की कहानी | Shivratri Story in Hindi

Shivratri Story in Hindi
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Shivratri Story in Hindi : भोला और हरिया दोंनो गहरे मित्र थे। दोंनो के खेत पास पास थे दोंनो अपने अपने खोतों में मिलजुल कर काम करते थे।

एक दिन हरिया ने भोला से कहा ‘‘भोला हम इतनी मेहनत से फसल उगाते हैं लेकिन फिर भी हमारी गरीबी दूर नहीं होती है हमें कुछ और काम करना चाहिए’’

यह सुनकर भोला कहता है ‘‘मित्र ऐसा नहीं है हमें भगवान जितना दे रहें हैं उसी में खुश रहना चाहिए’’

यह सुनकर हरिया गुस्सा हो जाता है वह भोला से कहता है ‘‘तू कुछ नहीं समझता है इतने दिन से तू शिवजी की पूजा कर रहा है भगवान ने तुझे आज तक क्या दिया है’’

तब भोला कहता है ‘‘मैंने आज तक अपने भोले बाबा से कुछ मांगा ही नहीं मैं तो बस सच्चे मन से उनकी पूजा करता हूं और वे अपने आप मेरे सारे काम बना देते हैं मुझे कुछ मांगने की जरूरत ही नहीं पड़ती। तू भी मेरे साथ मन्दिर चला कर तेरे मन में से भी लालच निकल जायेगा’’

हरिया गुस्सा होकर अपने घर चला गया। घर में उसकी पत्नि सुमित्रा ने पूछा तो हरिया ने कहा ‘‘मैंने अपने मित्र भोला को साथ मिल कर व्यापार करने की सलाह दी तो उसने मना कर दिया और कहा भोले बाबा की कृपा से वह इतने में ही खुश है।’’

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यह सुनकर सुमित्रा ने कहा ‘‘भोला भैया भगवान शिव के भक्त हैं आप बचपन से उनके साथ रहते हो फिर भी आप कभी मन्दिर नहीं गये। सबका अपना अपना विश्वास है। वैसे उनके कहने से आप भी मन्दिर जाकर भोले बाबा का आशीर्वाद लेलो। यदि भगवान ने चाहा तो आपका व्यापार करने का सपना पूरा हो जायेगा’’

सुमित्रा की बात हरिया की समझ में आ गई वह अगले दिन भोला के साथ शिवजी के मन्दिर गया। वहां उसने पूजा की और उसके बाद उसने शिवजी से प्रार्थना की हे प्रभु मुझे इतना धन दो जिससे में व्यापार कर सकूं। यदि मेरा व्यापार चल गया तो में आपके मन्दिर में सोने का शिवलिंग चढ़ाउंगा।’’

उसकी प्रार्थना सुनकर भोला मुस्कुरा रहा था लेकिन उसने हरिया से कुछ नहीं कहा और वापस आकर अपने खेत में काम करने लगा।

कुछ दिन बाद हरिया ने कर्ज लेकर व्यापार शुरू किया भगवान भोले नाथ की कृपा से उसका व्यापार अच्छा चलने लगा। एक दिन हरिया भोला से मिलने गया और उसने कहा ‘‘भोला देख तूने भोले बाबा की इतने साल भक्ति की पर कुछ नहीं मांगा और मैं तेरे साथ केवल एक बार बाबा के मन्दिर गया और भगवान से सोने का शिवलिंग चढ़ाने की बात की बाबा ने खुश होकर मेरा व्यापार शुरू करा दिया’’

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तब भोला ने कहा ‘‘तुमने जो मांगा तुम्हें मिल गया मैंने तो केवल भगवान की भक्ति मांगी थी जिससे में बहुत खुश हूं तुम्हारी खुशी धन दौलत मैं है मेरी खुशी मेरे भोले नाथ की भक्ति में है’’

तब हरिया ने घमंड में कहा ‘‘देखना इस साल शिवरात्री पर मैं सोने का शिवलिंग चढ़ाउंगा। तब बाबा मुझे और धनवान बना देंगे’’

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उसकी बात सुनकर भोला मुस्कुरा कर रह गया।

भोला ने शाम को घर जाकर अपनी पत्नि कमला को यह सारी बात बताई तब कमला ने कहा ‘‘आपके भोले बाबा भी भेदभाव करते हैं आपके मित्र की एक दिन की पूजा से प्रसन्न होकर उसे धन दे दिया और आप इतने सालों से पूजा पाठ कर रहे हैं उसका क्या कल आप भी मन्दिर जाकर बाबा से कहना कि आप भी सोने का शिवलिंग चढ़ाऐंगे’’

भोला ने कहा ‘‘लेकिन शिवरात्री में तो कुछ ही दिन शेष हैं मैं सोने का शिवलिंग कहां से लाउंगा यदि तू जिदद ही करती है तो मैं मिट्टी का शिवलिंग बना कर चढ़ा दूंगा’’

उसकी बात सुनकर कमला कुछ नहीं बोली

अगले दिन भोला शिवजी के मन्दिर गया और बाबा से कहा ‘‘बाबा मैं इस शिवरात्री आपको मिट्टी का शिवलिंग अर्पण करूंगा’’ यह कहकर वह अपने खेत पर चला गया।

शिवरात्री के दिन भोला और हरिया पूजा का थाल सजा कर मन्दिर पहुंच गये। कमला और सुमित्रा भी उनके साथ थीं मन्दिर में दोंनो ने पूजा की  उसके बाद उन्होंने पूजारी से शिवलिंग अपर्ण करने के लिए कहा पूजारी बाबा ने कहा ‘‘अपने अपने शिवलिंग पर दूध चढ़ा कर उसे भगवान के चरणों में रख दो’’

उसकी बात सुन कर हरिया जोर से हसने लगा उसने कहा ‘‘पुजारी जी मेरे शिवलिंग पर तो दूध चढ़ जायेगा लेकिन भोला का शिवलिंग तो मिट्टी का है दूध चढ़ाते ही वह बह जायेगा।’’

यह सुन कर भोला की आंखों में आंसू आ गये उसने भोले नाथ से कहा ‘‘बाबा आज आपके भक्त की परीक्षा है मेरी निष्काम भक्ति आज धनवानों के आगे फिकी पड़ रही है मेरी लाज रखना प्रभु’’

इसके बाद दोंनो मित्रों ने अपने हाथ में दूध का लोटा लेकर दूध चढ़ाना शुरू किया दूध चढ़ाते समय हरिया का सोने का शिवलिंग मिट्टी का बन कर बहने लगा और भोला का शिवलिंग दूध चढ़ते ही सोने का बन गया।

यह देख कर भोला खुश हो गया और हरिया रोने लगा। तब भोला ने उसे समझाया मित्र भगवान धन से नहीं मन के भाव से प्रसन्न होते हैं। तुम्हारे पास धन आते ही तुम्हारे मन का भाव घमंड में बदल गया इसलिए तुम्हारा सोना भी मिट्टी बन गया और मेरा मन निर्मल था इसलिए मेरी मिट्टी भी सोना बन गई

हरिया ने भोला से माफी मांगी और भोले नाथ के चरणों में गिर कर रोने लगा। भोला ने हरिया से कहा ‘‘बाबा के सामने रोने से तुम्हारा मन भी निर्मल हो गया।  उसके बाद हरिया और भोला दोंनो एक साथ खेती और व्यपार करने लगे बाबा भोले नाथ से उनके सारे कष्ट मिट गये।

Image Source : Playground

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