हाथी की सूझबूझ | Elephant Story for Kids

Elephant Story for Kids
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Elephant Story for Kids : एक जंगल में हाथियों का एक झुण्ड रहता था। उसमें सबसे बड़ा हाथी जिसका नाम मोती था। वह अपने पूरे परिवार की देखभाल करता था।

जहां भी जाते थे सभी झुण्ड में जाते थे और सबसे आगे मोती चलता था। वह बहुत सालों से इस जंगल में रह रहा था, उसे पता लग जाता था कि कहां शिकारियों ने जाल बिछा रखा है और कहां पानी मिलेगा कहां भोजन अच्छा मिलेगा।

इसी तरह समय बीत रहा था। इधर जंगल में कई शिकारी बार बार आ रहे थे वे किसी हाथी को पकड़ कर उसे मार कर उसके दांत निकालना चाह रहे थे शहर में हाथी दांत की बहुत अच्छी कीमत मिल जाती थी।

मोती जानता था कि अगर झुण्ड में रहेंगे तो कोई हमला नहीं कर पायेगा।

एक दिन सभी हाथी झुण्ड में चल रहे थे आगे मोती जा रहा था। तभी पीछे एक छोटे हाथी भोला से चला नहीं जा रहा था। उसने सोचा सब धीरे धीरे जा रहे हैं यहीं बैठ थोड़ा विश्राम कर लेता हूं।

वह विश्राम करने बैठ गया। तभी उसे नींद आ गई। ताक लगाये शिकारियों ने देखा कि एक हाथी झुण्ड से पीछे रह गया। उन्होंने तुरन्त जाल और रस्सियों से उसे जकड़ लिया।

शिकारी उसे जल्दी से रस्सियों के सहारे गाड़ी पर चढ़ाने लगे। इधर जब हाथियों का झुण्ड आगे बढ़ रहा था वे चलते चलते एक नदी के किनारे पहुंचे तो मोती ने सबको दूर से देखा एक हाथी कम था।

भोला को न पाकर सभी हाथी इधर उधर उसे ढूंढने लगे। उधर शिकारियों ने भोला को एक बड़ी सी गाड़ी में चढ़ा कर रस्सियों से बांध दिया था।

सभी हाथी भोला को इधर उधर ढूंढ रहे थे तभी उन्हें गाड़ी में भोला दिखाई दिया। हाथियों ने जोर जोर से आवाज देकर सभी को इकट्ठा कर लिया पूरा झुण्ड एक जगह इकट्ठा हो गया।

तभी मोती ने हाथियों से कहा – ‘‘ऐसे हम गाड़ी पर हमला नहीं कर सकते शिकारी गोली चला देंगे। हमें चालाकी से काम लेना होगा।’’

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तुम सब हाथी इधर उधर जंगल में छिप जाओ जब मैं कहूं बाहर आ जाना।

मोती ने सबको छिपा दिया। इधर शिकारी गाड़ी लेकर चलने की तैयारी कर रहे थे। कुछ दूर जाने पर शिकारियों ने देखा एक हाथी जिसके लंबे लंबे दांत थे सड़क के किनारे लेटा हुआ है और उसकी आंखे बंद थी।

शिकारियों ने समझा कि वो मर गया है। शिकारियों ने आपस में बात की और फैसला किया कि इस हाथी के दांत निकाल लेते हैं। दुगना मुनाफा होगा। बाद में इस हाथी को ले जायेंगे।

सारे शिकारी जैसे ही मोती तरफ बढ़े पीछे से मौका देख कर सारे हाथियों ने  गाड़ी को घेर लिया। इधर शिकारियों के पास आते ही मोती तेजी से उठ कर खड़ा हो गया। शिकारियों के हथियार गाड़ी में थे जिसे हाथियों ने घेर लिया था।

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यह सब देख कर शिकारी डर गये। मोती उनकी ओर बढ़ रहा था। तभी उनमें से दो शिकारी भाग कर गये और उन्होंने रस्सियों को खोल कर भोला को नीचे उतार दिया।

उसके बाद मोती ने एक शिकारी को अपनी सूंड में उठा लिया और लेकर चल दिये।

बाकी शिकारी जल्दी। से हथियारों की ओर लपके तभी उनमें से एक बूढ़े शिकारी ने उन्हें रोका और बताया – ‘‘अगर किसी ने एक भी गोली चलाई तो वो उस शिकारी को मार देंगे।’’ और अगर हम शांत रहे तो वो उसे छोड़ देंगे।

कुछ देर में हाथियों का झुंड आंखों से ओझल हो गया। थोड़ी देर में वो शिकारी जिसे मोती आपनी सूंढ में उठा कर ले गया था। वापस आ गया।

तभी बूढ़ा शिकारी बोला – ‘‘आगे से इस जंगल में मत आना इन हाथियों ने हमें पहचान लिया है। वैसे भी ये सब एक साथ रहते हैं। हमें कोई और जंगल ढूंढना होगा।’’

इधर मोती ने सबको समझाया कि अगर किसी से चला नहीं जा रहा तो उसे अपने आगे वाले को बता कर बैठना चाहिये। जिससे पूरा झंड वहीं रुक जाये। मोती की बात सुनकर सभी ने हां में सर हिलाया और फिर पानी पीने नदी किनारे चल दिये।

Image Source : Playground

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