Bird Funny Story : टोनी कबूतर अपनी मॉं मोनी चिड़िया के साथ रहता था। एक दिन टोनी कबूतर उड़कर जा रहा था तभी उसने शानू चिड़िया को देखा वह गोलगप्पे खा रही थी।
टोनी: अरे शानू क्या खा रही है।
शानू: दिखाई नहीं देता गोल गप्पे खा रही हूं।
टोनी: वो तो मैं भी देख रहा हूं लेकिन तू इतने गोलगप्पे अकेले खाने वाली है क्या मुझे भी खिला ले।
शानू: मुझे गोलगप्पे बहुत पसंद हैं ये सब तो मैं चुटकी में सफाचट कर दूंगी तू देखता रह।
टोनी: लगता है तुझे गोलगप्पे बहुत पसंद हैं। सुन तू मुझे बहुत अच्छी लगती है मैं तुझसे शादी करना चाहता हूं। एक बार तू शादी के लिए हॉं बोल दे मैं तुझे रोज गोलगप्पे खिलाउंगा।
शानू: सच अगर ऐसी बात है तो मैं तुझसे शादी करने के लिए तैयार हूं।
टोनी घर आकर मॉं को शानू से शादी करने की बात बताता है उसकी मॉं तुरंत शादी की तैयारियों में लग जाती है।
कुछ दिन बाद टोनी और शानू की शादी हो जाती है।
एक दिन टोनी कबूतर बाहर जा रहा था। तभी शानू चिड़िया उसके पास आती है।
शानू: सुनो जी आपने कहा था शादी के बाद रोज गोलगप्पे खिलाउंगा आज मेरा बड़ा मन कर रहा गोल गप्पे खाने का आप मुझे भी साथ ले चलिये।
टोनी: तू अभी नई नई आई है कुछ दिन घर में रह कर मॉं के साथ घर का काम कर मैं तेरे लिए गोलगप्पे ले आउंगा।
शाम को टोनी गोल गप्पे ले आता है।
टोनी: मॉं कहां हो देखों में सबके लिए क्या लाया हूं।
मोनी चिड़िया: अरे ये क्या उठा लाया तू। ये भी कोई खाने की चीज है बेकार मैं पैसे बर्बाद कर दिये
टोनी: मॉं खाकर तो देखो शानू को गोलगप्पे बहुत पसंद हैं।
मोनी: अच्छा तो अपनी बीबी के लिए लाया है उसे ही खिला मैं यह सब नहीं खाती अभी से आदत बिगाड़ दे उसकी उसे चटोरी बना दे बाद में पता चलेगा।
शानू यह सब सुन लेती है।
शानू: मांजी आपके बेटे से मैंने इसी शर्त पर शादी की थी कि वह मुझे रोज गोलगप्पे खिलायेगा।
मोनी: क्यों रे नायालक शादी के लिए कोई भी शर्त मान गया कभी सोचा है इस चटोरी के शोक पूरे करने के लिए पैसा कहां से आयेगा।
टोनी: मॉं तुम चिन्ता मत करो मैं कभी कभी लाउंगा धीरे धीरे इसकी आदत छूट जायेगी।
शानू: सुनो जी मेरी आदत बदलने की कोशिश मत करना आदत बदलनी है तो अपनी मॉं की बदलो खुद तो कुछ खाती नहीं दूसरा खाये उससे भी इन्हें तकलीफ है।
मोनी चिड़िया चुप रह जाती है शानू सारे गोलगप्पे खा जाती है।
इसी तरह समय बीत रहा था।
एक दिन टोनी कबूतर शानू चिड़िया के लिए गोल गप्पे लेने गया। लेकिन उसे कहीं भी गोलगप्पे नहीं मिले वह वापस आ गया।
शानू: अरे आप खाली हाथ आ गये गोलगप्पे कहां हैं।
टोनी: आज सुबह से बारिश हो रही थी। इसलिए कहीं भी गोलगप्पे नहीं मिले।
शानू: मैं सब बहाने समझती हूं तुम अपनी मॉं के कहने में आकर मेरी आदत छुड़वाना चाहते हो लेकिन मैं तुम्हारी बातों में आने वाली नहीं हूं। मैं अभी नहर के पास वाली दुकान से गोलगप्पे खाकर आती हूं।
टोनी: अरे वह तो बहुत खराब गोलगप्पे बनाता हैं उसके गोलगप्पे के पानी से बहुत से लोग बीमार पड़ चुके हैं। आज छोड़ दो कल मैं तुम्हें बहुत अच्छे गोलगप्पे ला दूंगा।
लेकिन शानू चिड़िया नहीं मानती और गोलगप्पे खाने चली जाती है।
कुछ देर बाद शानू चिड़िया रोती हुई घर वापस आती है।
शानू: हाय हाय मर गई मरे ने न जाने पानी में क्या मिला रखा था मेरे पेट में बहुत दर्द हो रहा है।
टोनी: मैंने तुम्हें मना किया था पर तुम नहीं मानी उस चोर के गंदे पानी के गोल गप्पे खा लिये।
मोनी: वाह री चटोरी मेरी बातें बुरी लगती हैं पर अपने पेट का तो ख्याल रखती अब २ दिन तक भूखी मर तभी तुझे आराम मिलेगा।
शानू: मांजी मुझे माफ कर दो आज के बाद मैं इन चीजों को हाथ भी नहीं लगाउंगी बस आज मेरी जान बचा लो पेट के दर्द से मेरा दम निकला जा रहा है।
मोनी चिड़िया अपनी बहू शानू चिड़िया को दवाई देती है। कुछ समय बाद उसका दर्द बंद हो जाता है।
उसके बाद वह सुधर जाती है और फिर कभी गोलगप्पे नहीं खाती।
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