क्या है इस्कॉन मन्दिर का राज? कैसे 400 मन्दिर बन गये पूरे विश्व में
यह सफर शुरू होता है ‘श्री अभयचरण डे’ के साथ जिन्हें आज ‘अभयचरणारविंद भक्तिवेदांत स्वामी प्रभुपाद जी’ के नाम से जाना जाता है।
इनका जन्म 1 सितम्बर 1896 में कलकत्ता में हुआ था।
1965 में वे अमेरिका गये वहां जाकर 1966 में उन्होंने अंतराष्ट्रीय कृष्णभावनामृत संघ की स्थापना की।
सन 1922 में अपने गुरू भक्तिसिद्धन्त ठाकुर सरस्वती जी से प्रेरित होकर उन्होंने श्रीमद्भगवत गीता पर एक टिप्पणी लिखी।
उन्होंने केवल 10 सालों में 108 इस्कॉन मन्दिरों का निर्माण करवाया। आज इस्कॉन के 400 से ज्यादा मन्दिर विश्व भर में स्थापित हैं।
1975 में वृन्दावन में बना इस्कॉन मन्दिर
दिल्ली में स्थित इस्कॉन मन्दिर 1984 में बनाया गया
1978 में मुंबई में इस मन्दिर की स्थापना की गई थी।
इस्कॉन मन्दिर बनाने की श्रंखला में बंगलौर में स्थित इस्कॉन मन्दिर सबसे बड़ा मन्दिर है। इस मन्दिर की स्थापना 1997 में की गई थी
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