यह दशा देखकर लक्ष्मी, पार्वती और सावित्री ने हाथ जोड़कर प्रार्थना करने लगी कि हमें अपना पति अलग-अलग लौटा दो। अनुसूया ने कहा,- ‘इन्होंने हमारा दूध पिया है।
इसलिए हमारा बच्चा बनकर रहना होगा।’ इस प्रकार तीनों के संयुक्त अंश से तीन सिर और छः भूजाओं वाले दत्तात्रेय का जन्म हुआ। इसके बाद अनुसूया ने तीनों को मुक्त कर दिया।